Rajasthan News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तकनीक के अधिकतम सदुपयोग और ‘डिजिटल एजुकेशन नवाचारों‘ से विद्यार्थियों के लिए शिक्षण गतिविधियों को अधिक सुगम बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वृहद स्तर पर कवायद की जा रही है।
इसी सिलसिले में यूट्यूब पर आयोजित तीन घंटे के लाइव सेशन के दौरान शासन सचिव नवीन जैन ने मिशन स्टार्ट एवं शाला सम्बलन एप 2.0 जैसे ई-एजुकेशन इनिशिएटिव की उपयोगिता के बारे में प्रदेश भर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों, शिक्षकों और फील्ड अधिकारियों से सीधा संवाद किया। इस लाइव सेशन के तीन घंटों के दौरान करीब 75 हजार ‘व्यूज‘ रिकॉर्ड हुए। शनिवार को दो सत्रों में प्रातः 11 से 12.30 तथा दोपहर 12.30 से 2 बजे के मध्य राज्य के सभी ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की वीसी में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
शासन सचिव ने यूट्यूब पर आयोजित लाइव सेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि मिशन स्टार्ट के तहत राज्य की सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में क्रियाशील आईसीटी लैब, इंटरनेट, स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर जैसे संसाधनों तथा विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए ई-कंटेंट का बेहतर उपयोग करते हुए विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने को मिशन बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में विषय अध्यापकों संख्या और ई-कंटेंट का बैलेंस करते हुए मिशन स्टार्ट में ई-लेक्चर के माध्यम से 700 से 800 घंटे की कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। इसके लिए विद्यालयवार प्रत्येक दिन संचालित की जाने वाली ई-क्लासेज की समय सारणी का निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट क्लासेज के संचालन और समय सारणी तैयार करने के लिए ‘स्कूल लेसन गाइडेंस मॉड्यूल‘’ तैयार किया गया है, इसकी पीडीएफ प्रति सभी विद्यालयों को भेज दी गई है। आगामी सप्ताह से इस मॉड्यूल की तर्ज पर स्मार्ट क्लासेज के संचालन की सतत मॉनिटरिंग होगी।
शासन सचिव ने बताया कि जिन विद्यालयों में इंटरनेट सुविधा नहीं है, वहां पर ‘मिशन ज्ञान‘ के सहयोग से कम्प्यूटर हार्डवेयर में ई-कंटेंट लोड करते हुए सुलभ कराया गया है, जिससे आफलाइन मोड पर भी विद्यार्थी स्मार्ट क्लासेज में अध्ययन कर सके। उन्होंने लाइव सेशन के दौरान शाला सम्बलन एप 2.0 के फीचर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गत जुलाई माह में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में अधिकारियों और संस्था प्रधानों से प्राप्त फीडबैक और सुझावों को समाहित करते हुए स्कूलों की निरीक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए यह नया वर्जन तैयार किया गया है।
शिक्षा निदेशक श्री कानाराम ने ‘स्कूल आफ्टर स्कूल’ कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण में बताया कि इसके तहत स्कूल समय के बाद शाम को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षण की पहल की गई है। इसमें आने वाले सप्ताह की क्लासेस का पूरा शेड्यूल पीडीएफ फॉर्म में वाट्सएप ग्रुप में साझा किया जाता है, वहीं प्रतिदिन की क्लासेज का क्यूआर कोड विभाग के फेसबुक पेज पर उपलब्ध कराया जाता है।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला ने लाइव सेशन में कहा कि ‘डिजिटल एजूकेशन‘ हमारा भविष्य है, इसके तहत राजस्थान में संचालित कार्यक्रमों की बारीकियों को समझने के लिए ऐसे वेबिनार का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। यूट्यूब लाइव सेशन में ओएसडी रणवीर सिंह के साथ ही वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम पर उप निदेशक डाल चंद गुप्ता, रेमेडियल क्लासेज पर उप निदेशक मोटाराम भादू, छात्र उपस्थिति एप के बारे में एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक विनोद जैन और आईसीटी लैब पर उप निदेशक सुरेन्द्र जैन ने प्रस्तुतीकरण दिया।
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