कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर का आरटीओ कार्यालय इन दिनों साइकल मोटर स्टैंड बन गया है। पिछले सोमवार से आरटीओ की अनिश्चित कालीन हड़ताल के चलते आरटीओ परिसर में ताला लटका हुआ है। हड़ताल के चलते यहां आने वाले लोग बैरंग लौट रहे हैं।
जबलपुर कार्यालय पूरे संभाग का हेड ऑफिस है, लिहाजा यहां पर प्रतिदिन हजारों लोग अपने कामकाज के लिए आते हैं लेकिन लोगों को जानकारी न होने के चलते लोग बिना काम हुए ही आरटीओ से लौट रहे है। आरटीओ कार्यालय पूरी तरह से लोगों के लिए गाड़ी लगाने का अड्डा बना हुआ है। आरटीओ कार्यालय का आलम ये हो गया है कि, आरटीओ कार्यालय किसी वीरान हवेली की तरह नजर आ रहा है। हड़ताल के चलते न तो वाहनों के पंजीयन हो पा रहे हैं और न ही कोई लाइसेंस बन रहा है। फिटनेस और परमिट से जुड़े काम भी पूरी तरह बंद हैं।
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7 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे राज्य में काम बंद विरोध किया जा रहा है। परिवहन अधिकारी और कर्मचारी समाधान की मांग कर रहे हैं। हड़ताल पर गए अधिकारियों-कर्मचारियों का कहना है कि संगठन द्वारा पिछले 7 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलत रत है, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। आश्वासन दिए जाने के बाद भी मांग पूरी न होने पर अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक अंग पूरी नहीं होगी अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर रहेंगे।
यह है कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
- कर्मचारीयों की मांगों में वेतन विसंगति दूर किया जाए
- एक स्तर के बाद विभाग के अधिकारियों की पदोन्नति प्रक्रिया बंद हो
- क्रमोन्नति व्यवस्था लागू हो
- दूसरे विभागों से होने वाली प्रतिनियुक्ति को तत्काल बंद किया जाए
- लिपिकों को परिवहन उपनिरीक्षक पद पर भर्ती करने के लिए विभागीय परीक्षा कराने जैसी 7 प्रमुख मांगें शामिल है
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