प्रदेश की भूपेश सरकार लगातार मिलेट्स को बढ़ावा दे रही है. चाहे इसके उत्पादन की बात हो, इस्तेमाल की बात हो, या फिर इसे प्रोत्साहित करने की बात हो. जिले में स्व सहायता समूहों के द्वारा आजीविका के विभिन्न माध्यमों से जुड़कर रीपा के माध्यम से कई गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. जिले के रीपा फरसाकानी और विभिन्न अन्य रीपा समूहों के स्व सहायता समूह और जय जंगल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के सदस्य, वैदिक वाटिका प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.

पोषण और आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करने के लिए मिलेट्स पर 21 से 23 सितंबर 2023 तक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान सोनीपत हरियाणा कुंडली में आयोजित किया गया. तकनीकी सहायता एजेंसी वैदिक वाटिका प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से यह प्रतिनिधिमंडल वैश्विक मंच पर अमिट छाप छोड़ रहा है. तीन दिनों तक चलने वाला यह सम्मेलन महीनों की सावधानी पूर्वक योजना और समन्वय का परिणाम है.

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने समूह के सदस्यों और रीपा जशपुर से जुड़े अन्य उद्यमियों के लिए एक एक्सपोजर विजिट और व्यापक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसका प्राथमिक उद्देश्य दुनिया को जशपुर जिले से उत्पन्न बेहतरीन गुणवत्ता वाले उत्पादों का प्रदर्शन करना था.

सम्मेलन के पहले दिन जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई. क्योंकि स्व सहायता समूह, रीपा उद्यमियों और निर्माता कंपनी के सदस्यों ने उद्योग के दिग्गजों, निफ्टम और अन्य अग्रणी खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के प्रतिष्ठित खाद्य वैज्ञानिकों के साथ सार्थक बातचीत की. समृद्ध अनुभव और विशेषज्ञता के साथ स्व-सहायता समूह, रीपा के सदस्यों और निर्माता कंपनी के सदस्यों ने मिलेट्स, कुट्टू आधारित पास्ता, फलाहारी नमकीन, फलाहारी कुकीज़, बाजरा कुकीज और क्रैकर्स, हर्बल चाय, महुआ लड्डू, महुआ कुकीज़ सहित उत्पादों की विविध श्रृंखला का प्रदर्शन किया. शीत प्रसंस्कृत ढेकी कुटा चावल, मिलेट्स और कुट्टू आधारित पास्ता को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली.

ऐसे प्रतिस्पर्धी मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज पास्ता की उपलब्धता रीपा फरसाकानी द्वारा पेश की गई, जिससे व्यापक प्रशंसा मिली. इसके अतिरिक्त, शीत प्रसंस्कृत ढेकी कुटा चावल ने भी अपने उच्च पोषण एवं मूल्य के कारण महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया. ये पेशकश केवल वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि समृद्ध कृषि विरासत का प्रमाण हैं. समुदाय द्वारा समर्थित स्थायी प्रथाएं इस सम्मेलन का प्रभाव निश्चित रूप से इसके समापन से कहीं आगे तक जाएगा और जशपुर जिले में सशक्तिकरण और प्रगति की एक स्थायी विरासत छोड़ेगा.

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