नई दिल्ली. अगले वर्ष के मध्य तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) के तहत निजी कंपनी के हाथों में चला जाएगा. इस दिशा में सड़क परिवहन मंत्रालय पहले ही काम शुरू कर चुका है.

परिवहन मंत्रालय स्तर पर गठित कमेटी जल्द ही एक्सप्रेसवे को टीओटी पर देने संबंधित प्रस्ताव पर निर्णय लेने जा रही है. प्रस्ताव के तहत निजी कंपनी 20 वर्ष तक एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली और देखरेख का काम देखेगी, लेकिन उस अवधि का मरम्मत का कार्य यह कंपनी नहीं करेगी, क्योंकि यह जिम्मेदारी निर्माण करने वाले एजेंसियों की है.

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के मुकाबले ज्यादा है. ध्यान रहे कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को बीते वर्ष 6200 करोड़ रुपये से अधिक में 20 वर्ष के लिए टीओटी पर दिया गया है. मरम्मत का काम भी इसी एजेंसी को करना होगा.