नई दिल्ली. मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने और विवादित टिप्पणी के मामले में दर्ज एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित छात्र के पिता के बयान के बावजूद कि धर्म की वजह से बच्चे को पीटा गया और एफआईआर में इस बात का जिक्र नहीं है.

बता दें कि यूपी के मुजफ्फर नगर में एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने और विवादित टिप्पणी करने के मामले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपोत्र तुषार गांधी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्टूडेंट को पीटने की घटना की जांच की निगरानी राज्य सरकार द्वारा नामित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करेंगे और रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे.

कोर्ट ने पीड़ित बच्चे के साथ साथ उस बच्चे को पीटने वाले बच्चों की काउंसलिंग कराने का आदेश दिया है. राज्य सरकार RTE एक्ट के तहत पीड़ित बच्चे की उचित शिक्षा की व्यवस्था करेगा. राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि पीड़ित लड़का उस स्कूल में नहीं पढ़ेगा. राज्य सरकार तीन हफ्ते में कोर्ट के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी.

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30 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये मामला मूल अधिकारों का भी हनन है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराए. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के FIR पर सवाल खड़ा किया. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित छात्र के पिता के बयान के बावजूद कि धर्म की वजह से बच्चे को पीटा गया फिर भी FIR में इस बात का जिक्र नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उस स्कूल में बच्चे को नहीं रखा जाएगा. अवैध तरीके से स्कूल चलाने पर भी सवाल खड़ा किया. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या पीड़ित छात्र की काऊंसिल कराई गई. कोर्ट ने कहा कि केवल पीड़ित बच्चे का ही नहीं, उन बच्चों की भी होनी चाहिए जिन्होंने बच्चे को पीटा था. यूपी सरकार ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर विभाग ने काऊंसिलिंग की थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को पीड़ित बच्चे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. ये गंभीर मामला है हम इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोप सही है कि टीचर के कहने पर बच्चों ने उस लड़के को मारा, तो यह किस तरह का एजुकेशन सिस्टम है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच आईपीएस रैंक के अधिकारी से कराई जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि गवाहों को क्या सुरक्षा दी गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले यूपी सरकार को पहले नोटिस जारी कर चुका है. अगस्त में वायरल एक वीडियो में नेहा पब्लिक स्कूल की टीचर एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवा रहीं थी और विवादित टिप्पणी भी किया था. इस मामले पर नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि इस मामले पर क्या एक्शन लिया गया.

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