Rajasthan News: राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण स्वास्थ्य मानव स्वास्थ्य एवं भविष्य से सम्बंधित है। अतः इस अवसर पर हम सब को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित होकर इस ओर कार्य करना चाहिए।
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशील है और इस दिशा में मंडल द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस मौके पर उन्होंने जयपुर के लिए विकसित किये जा रहे वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान मॉडल, एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम, मर्जर ऑफ़ कंसेंट स्कीम, एन्ड ऑफ़ लाइफ व्हीकल के एफएक्यू पर विस्तार से चर्चा कर राज्य में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में किये जा रहे प्रभावी कार्यों पर प्रकाश डाला।
शीघ्र ही जयपुर में वायु प्रदूषण की चेतावनी की जाएगी जारी
मौसम विभाग की तर्ज पर अब जयपुर में वायु प्रदूषण की चेतावनी भी जारी की जाएगी। इस कार्य के लिए आईआईटीएम पुणे एवं आरएसपीसीबी के मध्य एमओयू साइन किया गया। इस तकनीक के माध्यम से वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकेगा साथ समय रहते बचाव के उपाय किये जा सकेंगे। ऐसे में राज्य की आमजनता को प्रदूषण मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाने का यह एक अहम प्रयास साबित होगा।
नए 15 सीएएक्यूएमएस केंद्र होंगे स्थापित
राज्य के प्रत्येक ज़िले में वायु प्रदूषण पर सतत निगरानी रखने के राज्य में नए 15 सीएएक्यूएमएस केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से एनटीपीसी एवं आरएसपीसीबी के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर साझा किये गए। जिसके माध्यम से वायु प्रदूषण के विभिन्न मापदंडों पर सतत निगरानी राखी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कुल 43 सीएएक्यूएमएस केंद्र में 2 जीपीएस युक्त मोबाइल वे के माध्यम से वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने का कार्य किया जा रहा है।
एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम जारी
इस मौके पर उद्योगों द्वारा किये जा रहे पर्यायवरण संरक्षण के प्रति प्रयासों एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जारी नियमों की पालना को सुनिश्चित करने के लिए एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम जारी की गयी। जिसके तहत 17 क्ष्रेणी की अत्यधिक प्रदूषण वाले उद्योगों, सभी सीईटीपी,कॉमन ट्रीटमेंट,स्टोरेज एवं डिस्पोजल फैसिलिटीज ऑफ़ हजार्डियस वेस्ट,म्युनिसिपल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित अन्य उद्योगों से सम्बंधित प्रदूषण नियंत्रण के अपनायी जाने वाली कॉमन फैसिलिटीज शामिल एवं अन्य प्रकार के उद्योग एवं माइन्स शामिल है। यह ऑडिट कार्य आरएसपीसीबी के विभिन्न नियमों एवं प्रावधानों के तहत एन्वॉयरन्मेंट ऑडिटर्स द्वारा सम्पादित किया जायेगा जिसके एवज में एन्वॉयरन्मेंट ऑडिटर को 12000 रूपए प्रतिमाह का पारिश्रमिक दिया जायेगा।
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