नई दिल्ली . दिल्ली सरकार पानी के बिलों के लिए लाने जा रही एकमुश्त भुगतान योजना में उन उपभोक्ताओं को भी लाभ देगी, जिन्होंने 11 साल से बिल नहीं भरा है. इसके तहत जुलाई 2012 से बिल जमा नहीं करने वाले दो लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनवरी 2023 में पानी के बकाया बिलों और उसमें गड़बड़ी को लेकर एकमुश्त भुगतान योजना की घोषणा की थी. इसका मकसद पुराने बकाया बिलों का एकमुश्त राशि लेकर सेटल करना था. इसके साथ ही समय पर बिल जमा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना था. सरकार के इस फैसले से करीब 11.71 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, जिन पर एरियर मिलाकर पानी के बिलों का कुल 5737 करोड़ रुपये बकाया है.
एक बार योजना का लाभ देंगे : दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पानी के बिलों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हैं. जल बोर्ड के कुल 42 जोन हैं. बीते आठ माह में कुल 8000 बिलों की गड़बड़ियों को ठीक किया है. बाकी बिलों में जिस तरह की शिकायतें हैं, उसे दूर करने में 100 वर्ष लग जाएंगे, इसलिए एक बार सभी बिल बकायेदारों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए.
समय पर बिल जमा करवाना सुनिश्चित किया जाएगा : सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आगे से बिलों में गड़बड़ी न हो, वह समय पर बिल जमा करें, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने प्रस्ताव में बदलाव करते हुए कहा कि 11 साल से पानी का बिल जमा नहीं करने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
घोषणा के बाद राजस्व घटा : दिल्ली सरकार की एकमुश्त भुगतान योजना की घोषणा को लेकर बैठक में मौजूद जल बोर्ड अधिकारी ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की योजना की घोषणा तब तक नहीं करनी चाहिए, जब तक वह मंजूर नहीं हो जाए.
उन्होंने पानी के बिल के जरिए जुटे राजस्व का आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इसकी घोषणा के बाद लोगों ने बिल जमा करना कम कर दिया है. राजस्व घटता जा रहा है. उन्होंने कहा कि घोषणा से पहले अक्टूबर 2022 (आधे महीने में) जहां 13 करोड़ रुपये, नवंबर 2022 में 53 करोड़ रुपये और दिसंबर 2022 में 202 करोड़ रुपये का राजस्व मिला. वहीं,घोषणा के बाद जनवरी 2023 में पानी के बिल का कलेक्शन 31 करोड़, फरवरी 2023 में 18 करोड़ और मार्च 2023 में 44 करोड़ रुपये हुआ.
जल बोर्ड के अधिकारियों ने विरोध जताया था
अधिकारियों ने कहा कि जल बोर्ड में पहले से ही राजस्व कम आ रहा है. एकमुश्त भुगतान योजना को लेकर हुई पिछली बैठक में जल बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं को लाभ नहीं देना चाहिए, जिन्होंने जुलाई 2012 से बिल नहीं भरा है. बैठक के मिनट्स ऑफ मीटिंग के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने जानबूझकर बिल जमा नहीं किया है. ऐसे में इन्हें लाभ नहीं मिलना चाहिए. इस प्रस्ताव को जल मंत्री ने खारिज कर दिया.