नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय सड़क निर्माण में नगर पालिका के कचरे के इस्तेमाल के लिए एक नीति को अंतिम रूप दे रहा है. इसके साथ सरकार जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं करने के लिए निर्माण उपकरण निर्माताओं को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि हम सड़क निर्माण में नगर निगम के कचरे का उपयोग करने की नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं.
गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने एक मसौदा नीति तैयार की है जो जीवाश्म ईंधन पर लागत और निर्भरता को कम करने के लिए निर्माण उपकरणों में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि सड़क मंत्रालय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत कर रहा है. मंत्री ने कहा, “ब्याज अनुदान योजना जैसे प्रोत्साहनों पर काम किया जा सकता है ताकि रियायतग्राही या ठेकेदार जीवाश्म ईंधन के बजाय वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले निर्माण उपकरणों में निवेश कर सकें.”
दिल्ली और जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक राजमार्ग
गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं और दिल्ली एवं जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक राजमार्ग के विकास की पहल इसी की एक कड़ी है. इलेक्ट्रिक राजमार्ग बिजली से चलने वाली रेलगाड़ियों की ही तरह की एक व्यवस्था है, जिसमें वाहनों के लिए निर्दिष्ट राजमार्ग के ऊपर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन लगा होगा. यह स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों में अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी पर आधारित है.
स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों के टेक्नोलॉजी पर बेस्ड
इलेक्ट्रिक हाईवे वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन को उसी तरह से पूरा करते हैं जैसे रेलवे के लिए किया जाता है. यह स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों के टेक्नोलोजी पर बेस्ड है. इसमें इलेक्ट्रिक केबलों का प्रावधान शामिल है, जिसका इस्तेमाल ऐसे वाहन द्वारा किया जा सकता है जो इस प्रकार की प्रौद्योगिकी को पूरा करता है. वाहन अपने ट्रैक्शन के लिए इस केबल से बिजली का इस्तेमाल करेगी. फिलहाल मंत्रालय विभिन्न तकनीकों का मूल्यांकन कर रहा है.
इथेनॉल के इस्तेमाल पर जोर
देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि वह इथेनॉल अर्थव्यवस्था बनाने के प्रबल समर्थक रहे हैं और कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल के बड़े पैमाने पर उपयोग पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत में इसे 5 प्रतिशत मिश्रण तक बढ़ाने की संभावित योजनाओं के साथ 1 प्रतिशत टिकाऊ विमानन ईंधन का उपयोग करने का आदेश दिया जाएगा. गडकरी ने कहा कि वह आने वाले समय में जेनसेट उद्योग को केवल इथेनॉल आधारित जनरेटर पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.