नई दिल्ली . विधि आयोग ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि यौन संबंधों के लिए सहमति की मौजूदा उम्र 18 वर्ष में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. वहीं, 16 से 18 वर्ष के किशोरों की मौन स्वीकृति से संबंधित मामलों को लेकर पॉक्सो कानून में संशोधन का सुझाव भी दिया गया है.
विधि आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि विचार-विमर्श के दौरान तीन प्रस्ताव सामने आए. पहला- यौन संबंधों के लिए सहमति की मौजूदा उम्र 18 वर्ष को कम कर 16 साल करना. दूसरा- 16 से 18 वर्ष के किशोरों के यौन संबंधों के मामले में एक सीमित अपवाद का प्रावधान करना. तीसरा- 16 से 18 वर्ष के किशोरों की मौन स्वीकृति से संबंधित मामलों में सजा के दौरान निर्देशित न्यायिक विवेक के इस्तेमाल की व्यवस्था लागू करना.
रिपोर्ट के अनुसार यौन संबंधों के लिए सहमति की मौजूदा उम्र को कम करने से बाल विवाह एवं बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
दूसरे प्रस्ताव के अनुसार, 16 से 18 वर्ष के किशोरों के सहमति से यौन संबंधों के मामले में एक सीमित अपवाद की व्यवस्था से इसके दुरुपयोग की संभावना बनी रहेगी. वहीं तीसरे प्रस्ताव को आयोग ने उपयुक्त माना है.
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