भुवनेश्वर, अगर आप भुवनेश्वर में जमीन का एक टुकड़ा खरीदना चाहते हैं और अपने सपनों का घर बनाना चाहते हैं, तो भूमाफिया गिरोह से सावधान रहें. भुवनेश्वर में कमिश्नरेट पुलिस की स्पेशल क्राइम युनिट (एससीयू) ने एक भूमाफिया रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इससे पहले इस सिलसिले में पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दो और लोगों को पकड़ा गया है.

एक जांच में राजधानी शहर में एक संगठित भूमाफिया सिंडिकेट का खुलासा हुआ है जो उन संदिग्ध व्यक्तियों को शिकार बनाता है जिन्होंने लंबे समय तक अपनी जमीन को खाली छोड़े रहते हैं. यह भुमाफिया सिंडिकेट पहले असली दिखने वाला सेल डीड तैयार करता है फिर नकली जमीन का पट्टा और ठोस नकली दस्तावेज़ तैयार करने के बाद संभावित ग्राहकों को दिखाता है. इस तरह के प्रामाणिक रिकॉर्ड देखने के बाद अच्छे खासे लोग भी इन भूमाफियों के शिकार बन जाते हैं.

यहां तक कि उप रजिस्ट्रार कार्यालय की एक हेड क्लर्क, कमला स्वाईं भी इस भूमाफियाों के चंगुल में फंस गईं. कमला ने कहा “मेरी दो बेटियाँ हैं और उनकी शादी हो चुकी है. अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, हमने अपनी पूरी बचत से अपनी बेटियों के घर के पास जमीन इस उम्मीद से खरीदी थी कि सेवानिवृत्ति के बाद हमारी बेटियां हमारी देखभाल करेंगी. पर हम भूमाफियों के शिकार हो गए और हमारी पूरी बचत और मेहनत बर्बाद हो गई.”

कमला ने अपनी सारी जमापूंजी लगाकर चांदका इलाके में जमीन खरीदी थी. लेकिन, यह जमीन भूमाफियों के कब्जे में थी. मामला तब सामने आया जब किसी और ने कमला को जमीन पर कब्जा करने से रोका. इसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई तो जांच में पता चला कि सुशीला पटनायक नाम की महिला ने संजुक्ता पाणिग्रही के नाम पर कमला को ठगा है. जांच में यह भी पता चला कि महिला जालसाज ने बार-बार अपना नाम बदलकर कई लोगों को धोखा दिया है.

महिला और उसके सहयोगी अरूप हलधर की गिरफ्तारी के बाद पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने अब तक इस रैकेट में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया है. स्पेशल क्राइम युनिट के डीसीपी उमाकांत मलिक ने कहा “हमने महिला और उसके सहयोगी अरूप हलदर को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को आज अदालत में भेजा जाएगा.” डीसीपी मलिक ने कहा, “धोखाधड़ी करने वाले लोग फर्जी दस्तावेज बनाकर अलग-अलग पार्टियों को जमीन बेच रहे थे.”

पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों पर विभिन्न थानों में कई मामले पेंडिंग हैं. इस गैंग पर ईओडब्ल्यू में जमीन धोखाधड़ी से जुड़े मामले भी चल रहे हैं. स्पेशल क्राइम युनिट ने इस मामले में पहले खंडगिरि उप रजिस्ट्रार कार्यालय के प्रधान लिपिक संजय सारंगी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, सरकारी मुहरें भी जब्त की गईं है.

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