पंजाब सरकार की अफसरशाही की गलतियों का खामियाजा स्कूल प्रमुखों तथा अध्यापकों को भुगतना पड़ रहा है, जानकारी के अनुसार प्री-मैट्रिक वजीफा फार एस.सी. एंड अदरज स्कीम के तहत पंजाब फाइनेंस सिस्टम पोर्टल द्वारा योग्य लाभपात्री विद्यार्थियों के खाते में 1400 रुपए प्रति विद्यार्थी राशि जमा की जानी बनती थी, परन्तु विभाग की लापरवाही के कारण 23001 विद्यार्थियों के खाते में दोगुनी तथा 694 विद्यार्थियों के खाते में तीन गुणा राशि जमा कर दी गई।


शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी गलती छुपाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूल प्रमुखों को 20 अक्तूबर तक यह राशि विद्यार्थियों से रिकवर करके जमा करवाने का फरमान जारी कर दिया गया। अध्यापक जत्थेबंदी डैमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट के प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजयपाल ने विभागीय लापरवाही की सख्त शब्दों में निंदा करते कहा कि इस राशि का बोझ स्कूल प्रमुखों तथा अध्यापकों की जेबों पर पड़ेगा।

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उन्होंने बताया कि यह राशि 2022-23 के लाभपात्रियों की है तथा इनमें से काफी विद्यार्थी दसवीं क्लास पास करने उपरांत स्कूल छोड़ चुके हैं, कुछ स्कूलों में प्रवासी मजदूरों के बच्चे अपने माता-पिता के साथ पित्तरी राज्यों में लौट चुके हैं तथा कुछ बच्चों के माता-पिता नरमे की चुगाई के लिए और स्थानों पर चले गए हैं, जिस कारण इस तरह रिकवरियां करना बेहद मुश्किल है। प्रदेश प्रैस सचिव लखवीर सिंह हरीके ने लापरवाही करने वाले उच्चाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग करते सारे योग्य विद्यार्थियों को बकाया वजीफा राशि तुरंत जारी करने की मांग की। नेताओं ने इन विद्यार्थियों से रिकवरी करने की इस राशि को संबंधित विद्यार्थियों के भविष्य वजीफे में एडजस्ट करने की मांग की।