अजय सूर्यवंशी, जशपुर। जशपुर जिले के कंडोरा गांव में आज होने वाले रौतिया महासम्मेलन को लेकर विवाद पैदा हो गया है. समाज के ही लोगों ने आयोजन में विशेष राजनैतिक दल के नेताओं को आमंत्रित किए जाने पर विरोध दर्ज कराया है. महासम्मेलन में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय, सांसद गोमती साय और पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा को आमंत्रित किया गया है.

समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश साय के नाम से पत्र लिखा है. समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि समाज के उत्थान और विकास के उद्देश्य से रौतिया समाज के हो रहे इस महासम्मेलन में उन लोगों की कोई दरकार नहीं है, जो समाज के ही नहीं है.

शंकर सिंह ने कहा कि राजनीतिक दल के नेताओं की उपस्थिति हमारे सामाजिक विषयों के आत्म चिंतन-मनन-मंथन तथा दशा एवं दिशा निर्धारण में सर्वथा अनुचित है, क्योंकि यह सम्मेलन सामाजिक सम्मेलन ना होकर एक विशेष दल के राजनैतिक सम्मेलन का बोध करा रहा है. किसी भी समाज का सामाजिक मंच राजनैति मंच नहीं होना चाहिए, जबकि समाज के प्रत्येक व्यक्ति अपने निजी राजनैतिक विचारों के लिए स्वतंत्र है.

बता दें कि इस आयोजन को लेकर शुरू से ही विवाद की स्थिति रही है. इसके पहले विवाद तब शुरू हुआ जब इस आयोजन में भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जिले के बड़े आदिवासी नेता विष्णुदेव साय और गणेशराम भगत को दरकिनार कर दिया गया. इसके बाद आयोजन से एक दिन पूर्व रौतिया समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की चिट्ठी वायरल हो जाने से दूसरा बखेड़ा खड़ा हो गया है.