रायपुर। नगरनार स्टील प्लांट के उद्घघाटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को बयानबाजी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संयंत्र का निजीकरण नहीं करने की घोषणा करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता 2024 में इन्हें हराए, तब निजीकरण नहीं होगा. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने नगरनार प्लांट के निजीकरण के विरोध में 3 अक्टूबर को बस्तर बंद का ऐलान किया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरनार प्लांट के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर का निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन एनएमडीसी को दी गई. प्लांट में नौकरी के लिए आदिवासी लगातार आंदोलन करते रहे. हम जब विपक्ष में थे तब भी हमने पत्र लिखा था कि आदिवासियों को उचित व्यवस्थापन हो. सरकार में आने के बाद हमने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेश ना किया जाये. राज्य सरकार प्लांट का अधिग्रहण कर ले, लेकिन उसके अधिग्रहण को लेकर ऐसे बिंदु जोड़ दिये गये हैं जिससे राज्य सरकार शामिल ना हो सके.

राज्य सरकार को दे अनुमति

राज्य सरकार ने एक अशासकीय संकल्प विधानसभा में पेश किया था कि प्लांट का निजीकरण ना किया जाये और अगर करना ही है तो राज्य सरकार को इसका अधिग्रहण करने की अनुमति दी जाये. लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को बोली लगाने से ही वंचित कर दिया. इसका मतलब साफ़ है कि अपने चहेतों को फ़ायदा पहुँचाने के लिये ऐसा किया गया. आदिवासी समाज में भी इसे लेकर नाराज़गी है. समाज इसका विरोध करेगा.

भाजपा के लोग रखें अपनी बात

भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी के विधायकों ने भी विधानसभा में स्टील प्लांट के निजीकरण नहीं करने और अधिग्रहण की स्थिति में राज्य सरकार को दिये जाने के अशासकीय संकल्प पर सहमति दी थी. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भी इस संदर्भ में एक पत्र लिखा था. अब बीजेपी के लोग भी इस खुलकर अपनी बात रखें.

टाटा, जिंदल जैसी कंपनियां आ रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट के अधिग्रहण को लेकर ईओआई में टाटा, जिंदल, अदाणी, जैसी कंपनियाँ आ रही हैं. निजी हाथों में नहीं बिकेगा, क्योंकि यहां की ज़मीन आदिवासियों की है. वहां सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने की भी बात कही गई थी, लेकिन अब तक नहीं खोला गया. इसके साथ ही भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ नागरिक उड्डयन मंत्री भी आ रहे हैं. जगदलपुर से जबलपुर और दिल्ली तक की उड़ान शुरू करने की मांग करता हूँ. एक करोड़ की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार देने को तैयार है.