लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर हिंसा के दो साल बाद भी किसानों को न्याय नहीं मिल पाया. 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हिंसा हुई थी. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह मामला कछुआ गति से आगे बढ़ता दिख रहा है और पीड़ित न्याय के लिए अंतहीन इंतजार कर रहे हैं.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी है. उनके खिलाफ मामले में अब तक 171 गवाहों में से केवल चार ने अदालत के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं. आशीष को तीन कृषि सुधार कानूनों (निरस्त होने के बाद) के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने और तत्कालीन यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के छह दिन बाद 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

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यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे. इसके बाद, एसयूवी चला रहे व्यक्ति और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. जिला अदालत, लखीमपुर खीरी के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) सुनील कुमार वर्मा मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

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