भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही है। बीजेपी-कांगेस सहित सभी राजनीतिक दल चुनाव को लेकर अपनी कमर कस चुका है। वहीं एमपी में सियासी गर्माहट के बीच माहौल भाजपा के पक्ष में दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी बहुमत की तरफ दिख रही है। पिछले दो महीनों में प्रदेश के मतदाताओं का भरोसा भी भाजपा के प्रति बढ़ता दिख रहा है। दो महीने पहले तक के सर्वे इस बात को दर्शा रहे थे कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बना सकती हैं।  पिछले दो महीनों में जमीनी सर्वे भाजपा की फिर से सरकार बनने का इशारा कर रहे हैं।

ताजा सर्वे में शिवराज अब भी सबसे पसंदीदा चेहरा हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि समाज के सभी वर्गों का समर्थन भी भाजपा के पक्ष में ज्यादा है। सिर्फ मुस्लिम समुदाय का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में है। बात एंटी इंकम्बेंसी की करते हैं। इसमें लोगों को मुख्यमंत्री से शिकायत ज्यादा नहीं है। सर्वाधिक शिकायत विधायकों और अफसरों से जुडी है। ऐसे में यदि आज मतदान हो तो भाजपा 125 के लगभग सीट जीत सकती है। आज चुनाव होने पर भाजपा को 48 फीसदी और कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।

PEACS MIDEA-NEWS 24 के ताज़ा सर्वे में भाजपा को 115 से 122 सीट मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 105 से 115 यानी बहुमत से कम। न्यूज़ 24 से जुलाई माह में किये गए सर्वे और इस  सर्वे की यदि तुलना करें तो पिछले दो महीने में भाजपा के पक्ष में दस से 15 सीटें बढ़ती हुई दिख रही है। इतनी ही सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दो महीने पुराने सर्वे का कोई मतलब नहीं है। अब चुनाव सामने हैं, इस वक्त जनता को जो मिजाज दिख रहा है वही असली है। राजनीतिक विषयों को लिखने वाले नितिन शर्मा का कहना है कि इस वक्त का जो मिजाज है वो ही आगे बढ़ेगा और भाजपा को इस सर्वे के अनुमान से भी ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। शर्मा मानते हैं कि ट्रेंड ऐसा ही रहा तो दो महीने में भाजपा 135 सीटों तक का आंकड़ा छू सकती है।

लाड़ली बहना बनी गेमचेंजर, महिलाओं का भाजपा पर भरोसा बढ़ा

तमाम सर्वे ये साफ़ बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हो रही है। पिछले दो महीने में भाजपा के पक्ष में माहौल के पीछे इसकी बड़ी भूमिका है। महिला मतदाताओं का वोट पहले से ही भाजपा के पक्ष में रहा है। लाड़ली बहना के बाद मामाजी के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। जानकारों के मुताबिक महिला और युवा मतदाताओं को ये लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर शिवराज सरकार की योजनाएं बंद कर देगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सभाओं में ये बात कह चुके हैं कि कांग्रेस पर भरोसा मत करना। लाड़ली बहना के  वोट शिवराज सरकार को 140 प्लस तक ले जा सकते हैं।

कांग्रेस किसी को प्रिय नहीं

न्यूज़ 24 के सर्वे ने अलग-अलग जातियों और वर्गों के आधार पर भी सर्वे किया। इसके नतीजे चौंकाते हैं। कांग्रेस को किसी भी वर्ग में बढ़त नहीं दिखाई दे रही है। ये आश्चर्यजनक है। अगड़ी जातियों के सर्वाधिक 52 फीसदी वोट भाजपा के पक्ष में हैं। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 35 फीसदी का समर्थन। आदिवासी भी कांग्रेस के बजाय भाजपा के पक्ष में दिख रहे है। यही ट्रेंड पिछड़ा वर्ग और अन्य  के साथ हैं।

बढ़त का कारण -मुख्यमंत्री  और भाजपा से मतदाता नाराज नहीं

इस सर्वे में एक दिलचस्प बात सामने आई कि एंटीइंकम्बैंसी स्थानीय स्तर पर है। मुख्यमंत्री या भाजपा से लोग नाराज नहीं है। सबसे ज्यादा लोगों को शिकायत अपने विधायक और अफसरों से हैं। इसे समझते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करके दो महीने में माहौल अपने पक्ष में कर लिया। सबसे पहले भाजपा ने सात सांसदों और एक महासचिव को उतार कर बहुत हद तक विधायकों के प्रति नाराजगी को दूर किया। अफसरों के प्रति जो नाराजगी थी वो बड़े बदलाव के साथ शिवराज ने बार बार जनता को ये कहकर कि मैं हूँ ना से मतदाताओं को जोड़े रखा है।

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