रायपुर- जाति मामले पर घिरे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जमकर निशाना साधा है. दिल्ली दौरे के दौरान देश के नामचीन वकीलों से रायशुमारी किए जाने की खबरों के बीच बघेल ने कहा कि- अजीत जोगी पैदायशी झूठे हैं. कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा से उनकी मुलाकात होने की बात प्रचारित की जा रही है, जबकि विवेक तन्खा से उनकी मुलाकात हुई ही नहीं है. बघेल ने कहा कि जोगी झूठ बोलने में माहिर हैं.
उन्होंने कहा कि टेक्नीकल ग्राउंड बताकर जाति का मामला खारिज होता रहा है, लेकिन अब तक किसी भी न्यायालय में उनकी जाति पर कोई बात नहीं की. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गठित हाईपाॅवर कमेटी को ही अजीत जोगी की जाति का निर्धारत करना था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उनकी जाति का निर्धारण करते हुए उन्हें आदिवासी नहीं माना. भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, सुप्रीम कोर्टके आदेश के बाद भी इस मामले को छह साल तक लटकाया गया. सरकार अजीत जोगी की मदद करती रही.
बघेल ने कहा कि अब भी जोगी को बचाने की कवायद की जा रही है. आखिर क्यों अब तक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया गया? आखिर क्यों उनके बेटे अमित जोगी की जाति को भी शून्य घोषित कर निर्वाचन आयोग को इसकी जानकारी नहीं भेजी जा रही ?
नंदकुमार साय से क्यों मिले भूपेश, खुद बताया?
बिलासपुर दौरे पर गए भूपेश बघेल की मुलाकात राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय से हुई थी. सियासी गलियारों में इस बात को लेकर जमकर चर्चा हुई. भूपेश से जब ये पूछा गया कि इस मुलाकात की वजह आखिर क्या थी? तो जवाब भी सामने आया. बघेल ने बताया कि आय़ोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नंदकुमार साय ने उनकी मुलाकात नहीं हुई थी. बिलासपुर दौरे के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी मिली की नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भवन में ठहरे हुए हैं, तो मैंने जाकर उन्हें बधाई दी. भूपेश बघेल ने कहा कि नंदकुमार साय अब संवैधानिक पद हैं, लेकिन ऐसे लोग हैं, जिन्हें बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उन पर विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा कि अजीत जोगी की जाति के मामले में याचिका लगाने वाले संतराम नेताम और समीरा पैकरा को यदि अपनी ही बीजेपी सरकार पर भरोसा होता, तो यकीनन हाईकोर्ट में उनकी ओर से कैवियेट दाखिल नहीं किया जाता.