सीहोर, मुकेश मेहता. सीहोर जिले के बुधनी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त दी जाने वाली दवाइयां बड़ी मात्रा में सड़क किनारे खुले में पड़ी मिली. अधिकतर दवाएं एक्सपायर हो गई हैं, लेकिन इन दवाओं को नष्ट करने के लिए भी अलग नियम हैं. सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि दवाओं को खुले में न फेंका जाए, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन इन्हें बाहर सड़कों पर फेंक रहा है.

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एनजीटी के भी नियमों का घोर उल्लंघन

दरअसल, जिले की बुधनी में सलकनपुर रोड किनारे और तालपुरा ग्राम की ओर जाने वाली रोड पर शासकीय और निजी अस्पतालों को एक्सपायरी दवा और मेडिकल वेस्ट फेंकने वालों के लिए एक सेफ जोन बन गया है. जहां पर सड़क के किनारे इन दिनों हजारों की संख्या में एक्सपायरी दवा फेंकी जा रही है और ना केवल एक्सपायरी दवा बल्कि मेडिकल कचरा भी फेंका जा रहा है. बारिश के मौसम की वजह से मिट्टी और पानी से मिलकर उससे निकलने वाली जहरीले तत्व लोगों के सेहत से खिलवाड़ कर सकते है. प्रशासन की बार-बार अनदेखी की वजह से न सिर्फ पर्यावरण को नुक्सान हो रहा है बल्कि आस पास घूमने वाले जानवर भी इसकी जद में आ सकते हैं. अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार कब लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करती है. 

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पहले भी कूड़े के ढेर में मिल चुकी हैं एक्सपायरी दवाइयां

बुधनी में सड़क के किनारे एक्सपायरी दवा फेंकने का यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलने वाली जीवन रक्षक दवाइयां कचरे के ढेर में मिल चुकी हैं.

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सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार कर रहे अनदेखी

सरकार करोड़ों रुपए की दवा सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में भेजती है, जिससे मरीजों को समय पर दवाइयां उपलब्ध हो सके और जरुरतमंद इसका लाभ ले सके. सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में ज्यादातर गरीब इलाज के लिए जाते हैं. जहां ये दवाइयां उन्हें मुफ्त में मिलनी चाहिए. लेकिन गरीब जनता की दवाइयां अस्पतालों में कम और सड़कों पर पड़ी ज्यादा दिखाई देती है. अस्पताल के डॉक्टर दवा न होने की बात कहकर बाहर की दवा लिखते है और अस्पतालों की बिना एक्सपायरी दवा को बाहर कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है.

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