केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने सोमवार को चेक गणराज्य के प्राग में स्कोडा (skoda) की हाइड्रोजन बस (hydrogen bus) में एक टेस्ट ड्राइव की. गडकरी प्राग में 27वीं World Road Congress (विश्व सड़क कांग्रेस) में शिरकत करने पहुंचे हैं. इस मौके पर उन्होंने हाइड्रोजन बस का जायजा लिया और स्कोडा के अधिकारियों से इस टेक्नोलॉजी के बारे में बात भी की.
गडकरी की वैकल्पिक ईंधन में दिलचस्पी जगजाहिर है. हाल ही में उन्होंने कहा था कि भारत में कुल वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत है. मंत्री ने समस्या को कम करने के लिए हरित ईंधन विकल्पों के विकास की जरूरत को भी दोहराया. गडकरी ने वैकल्पिक हरित ईंधन के विकास की जरूरत की वकालत करते रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों से इस पर जोर दे रहे हैं.
नितिन गडकरी के ऑफिस ने X पर पोस्ट किया, “केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज प्राग (चेक गणराज्य) में स्कोडा द्वारा हाइड्रोजन बस में एक टेस्ट ड्राइव की. ये टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल गतिशीलता समाधानों की खोज के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. हाइड्रोजन बसें कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण वादा करती हैं. पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित करते हुए, स्वच्छ और हरित भविष्य में योगदान दे रहा है.”
बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन बस एक शून्य-उत्सर्जन वाहन है, जो बस को चलाने के लिए बिजली का उत्पादन करने के लिए हाइड्रोजन और वायु का इस्तेमाल करता है, जिसमें सिर्फ पानी का उत्सर्जन होता है. हाइड्रोजन का प्रयोग ईंधन सेल के लिए ईंधन के रूप में किया जा सकता है. इलेक्ट्रोकेमिकल प्रतिक्रिया एनोड पर फ्यूल (हाइड्रोजन) और कैथोड पर हवा से ऑक्सीजन को पानी में बदलती है और इलेक्ट्रॉनों के रूप में विद्युत ऊर्जा पैदा करती है.
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