नई दिल्ली . राजधानी में सर्दियों के दौरान पाल्यूशन से निपटने, उनकी निगरानी करने और प्रभावी तरीके से संचालन के लिए दिल्ली सरकार का ग्रीन वार रूम आज से काम करना शुरू कर देगा. ग्रीन वार रूम 3 अक्टूबर से 24X7 काम करेगा. तीन साल पहले दिल्ली सरकार ने ग्रीन वार रूम स्थापित करने का ऐलान किया था, ताकि राजधानी के लोगों को भीषण प्रदूषण से निजात दिलाना संभव हो सके.

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सर्दियों के मौसम के दौरान राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 15-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की. इसमें धूल प्रदूषण और खुले में कचरा जलाने से परहेज करने पर जोर दिया गया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि राजधानी के 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से प्राप्त रीयल टाइम आंकड़ों के आधार पर दिल्ली के 13 वायु प्रदूषण हॉटस्पॉट में से प्रत्येक के लिए अलग और विशिष्ट कार्य योजनाएं बनाई गई हैं.

क्या है ग्रीन वार रूम?

अरविंद केजरीवाल सरकार का ग्रीन वॉर रूम साल 2020 में लॉन्च किया गया था. यह प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के आधुनिकतम तकनीकों से लैस है. GWR वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण, वैज्ञानिकों और डेटा विश्लेषकों सहित विशेषज्ञों की एक टीम से सुसज्जित है. GWR दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारकों को निगरानी करेगी. इस काम में दिल्ली दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान भी मदद करेगी. यह 15 प्वाइंट विंटर एक्शन का हिस्सा है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 2022 में दिल्ली सचिवालय में एक ‘ग्रीन वॉर रूम’ का उद्घाटन किया था. इसका प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.

GWR ऐसे करता है काम

दिल्ली सरकार का ग्रीन वॉर रूम दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखता है. इसके लिए GWR सैटेलाइट डेटा का भी इस्तेमाल करता है. दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में खेतों की आग से संबंधित सैटेलाइट डेटा का एनालिसिस करने के साथ ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के मुताबिक प्रदूषण से संबंधित डाटा का विश्लेषण करते हैं और प्रदूषण की गंभीरता के बारे में जानकारी देते हैं. वॉर रूम को ग्रीन दिल्ली ऐप से भी जोड़ा गया है. ताकि प्रदूषण, कचरा जलाने को लेकर दिल्ली वालों की शिकायतों को हासिल करना संभव हो सके. ग्रीन वॉर रूम दिल्ली में डिमोलिशन साइट्स, रेडी-मिक्स कंक्रीट संयंत्रों और कचरा जलाने पर धूल प्रदूषण की जांच करने के लिए दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू कराने में भी अहम रोल अदा करेगा.

केजरीवाल का कहना है कि शीतकालीन ऐक्शन प्लान मुख्य रूप से पराली जलाने, धूल प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन, खुले में कचरा जलाने, पटाखों पर बैन, वृक्षारोपण, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के प्रभावी कार्यान्वयन पर केंद्रित है. इस बीच दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) रविवार से लागू कर दी गई है. इस साल कुछ अहम बदलाव किए गए हैं. नये बदलावों के तहत एक्यूआई 200 के पार जाते ही पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू कर दिया जाएगा.