भुवनेश्वर: राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पिछले 3 वर्षों में 811.05 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. लगभग 32 प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास प्रोजेक्ट को एक बाद एक चरणों में मंजूरी दी जा रही है. कुल पर्यटन क्षेत्रों में से 15 क्षेत्रों के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. मंत्री अश्विनी कुमार पात्र ने विधानसभा सदस्य प्रफुल्ल सामल और मोहन चरण माझी के सवाल पर सदन में ये जवाब दिया है.
मंत्री ने कहा कि मुख्य पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है. पर्यटन नीति-2022 के अनुसार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को कुल 11 भागों में विभाजित किया गया है. इनमें एडेवेंचर स्पॉट, वन्य जीवन, पर्यावरण, कारवां, कुटीर, आध्यात्मिक, साहसिक खेल, ग्रामीण अनुभव और सिनेमाटिक पर्यटन शामिल हैं. राज्य में कुल 35 मान्यता प्राप्त पर्यटक आकर्षण केंद्र हैं. विभाग की ओर से कराए गए सर्वे के मुताबिक राज्य में ज्यादातर पर्यटक छुट्टियां मनाने आते हैं. राज्य में आध्यात्मिक, हैरिटेज, समुद्र तट, पर्यावरण, वन्य जीवन और खेल पर्यटन विशेष रूप से पर्यटकों को आकर्षित करती है.
7 जगहों पर इको-रिट्रीट का आयोजन
पर्यटकों के आगमन को देखते हुए उन्हें और अधिक आकर्षित करने के लिए राज्य में 7 स्थानों पर इको-रिट्रीट का आयोजन किया जा रहा है. कोणार्क में रामचंडी, सातकोशीआ में बालीपुट, भितरकनिका में पेंठ, हीराकुद में दरिंगबाड़ी, कोरापुट में पुतसिल, गंजम में पाटी सोनपुर आदि जगहों पर पर्यटन मनोरंजन के इस भव्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं. पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. मंत्री ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है.
2020-21 में पर्यटकों की संख्या 23 लाख 77 हजार 175 थी, जबकि 2021-22 में 39 लाख 1 हजार 923 और 2022-23 में 86 लाख 24 हजार 354 हो गई है. यह डेटा बताता है कि 2019 के अंत से लेकर 2021 के अंत तक वैश्विक महामारी कोरोना के असर से ओडिशा के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ. जिसके कारण पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट आई. मंत्री ने सदन में बताया कि 2022-23 में पर्यटकों के आगमन में बढ़ोतरी देखी जा रही है.