लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आउटसोर्सिंग नीति लाएगी. श्रम विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. शीघ्र ही कैबिनेट के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा. आउटसोर्सिंग नीति में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के पदों पर चयन के लिए शैक्षणिक योग्यता भी तय होगी. कर्मियों के चयन के लिए इस योग्यता के आधार पर वरीयता सूची तैयार की जाएगी.

प्रदेश सरकार न सिर्फ उनके चयन, बल्कि उसके बाद मानदेय व अन्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए आउटसोर्सिंग नीति लाने जा रही है. इसके लिए श्रम विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि आउटसोर्सिंग कर्मियों को पूरा और समय पर मानदेय सुनिश्चित कराने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं.

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प्रस्तावित नीति में सरकार यह व्यवस्था करेगी कि इन कर्मियों के चयन में सेवाप्रदाता मनमानी न कर सकें. उनके मानदेय का पूरा भुगतान, ईपीएफ और ईएसआई की कटौती भी हर माह सुनिश्चित हो सके.

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