भुबनेश्वर, ओड़िशा विधानसभा में तय समय से एक दिन पहले ही मानसून सत्र का समापन कर दिया गया. सत्र की शुरुआत से अंतिम दिन तक विपक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन करता दिखा. इस विरोध के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के 2 विधायकों को निलंबित भी किया. दरअसल भाजपा के दो विधायकों के स्पीकर पोडियम पर दाल फेंकने के आरोप में निलंबित किया गया था.
विपक्ष का आरोप मुद्दों से बचने के लिए एक दिन पहले किया सत्र समाप्त
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने कारनामे छिपाने के लिए इस तरह के फैसले अध्यक्ष पर दबाव बनाकर करवाती है. राज्य में भ्रष्टाचार, गो तस्करी, अवैध खनन जैसे तमाम मुद्दों को उठाने पर हमारे विधायकों को निलंबित करवाया जाता है, जनता के मुद्दों से सरकार भागती नजर आई. मानसून सत्र के दौरान विपक्ष का काम ही होता है सरकार की गलत बातों को सदन में उठाना.
अपनी प्रतिक्रिया में, विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा ने कहा, “हमने 5T सहित कई सवाल उठाए थे. लेकिन, हमारे सभी प्रश्नों को खारिज कर दिया गया. लोअर पीएमजी में धरना दे रहे सरपंचों, शिक्षकों, आयुष चिकित्सकों के समेत कई अन्य जरुरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी. सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से समाप्त कर दिया गया और हम इसकी निंदा करते हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार मुद्दों से बचने के लिए मानसून सत्र को समय से पहले समाप्त कर दिया.
मुख्यमंत्री के विपक्ष पर ‘जनविरोधी’ कटाक्ष पर हुआ हंगामा
मानसून सत्र 22 सितंबर को शुरू हुआ और 4 अक्टूबर को समाप्त होने वाला था. 28 सितंबर को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सदन में अपने बयान में विपक्ष को ‘जनविरोधी’ करार दिया था और कहा था कि वे ऐसी गतिविधियों के लिए सदन में नहीं लौट सकते. इस पर सदन में आखिरी दिन तक हंगामा होता रहा.
2 अक्टूबर को भी सीएम ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “विपक्षी दल ओडिशा के विकास से खुश नहीं हैं. और लोगों को झूठी जानकारी देकर गुमराह करना ही उनका एकमात्र काम बन गया है. जब भी चुनाव आता है तो ऐसा होता है. लेकिन लोग हमेशा उन्हें खारिज कर देते हैं.”
कई जरुरी मुद्दों पर नहीं आया जवाब
कई मुद्दों पर चर्चा शेष रहने के बावजूद सत्र को एक दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया है. इसके साथ ही लोअर पीएमजी में प्रदर्शन और धरना देने वाले कई संगठनों के मुद्दों पर सरकार की ओर से जवाब नहीं आया.