नई दिल्‍ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की. संजय सिंह के अलावा कुछ और लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की सूचना है. शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने यह कार्रवाई की है .

यह छापेमारी ऐसे समय पर की गई है जब एक दिन पहले ही कोर्ट ने तीन आरोपियों को गवाह बनने की स्वीकृति दी है. इनमें दिनेश अरोड़ा का भी नाम शामिल है, जो पहले सीबाई केस में गवाह बन चुके हैं. ईडी ने संजय सिंह का नाम चार्जशीट में भी शामिल किया था.

आरोप है कि 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी गलत तरीके से ऐसे नियम बनाए गए जिससे शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदेल में आम आदमी पार्टी को करोड़ों की रिश्वत मिली. हालांकि, ‘आप’ और केजरीवाल सरकार मजबूती से आरोपों को नकारती रही है. मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और दिल्ली के शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा को ईडी केस में सरकारी गवाह बनने की अपील को मंजूरी दी. स्पेशल जज एमके नागपाल ने मगुंटा और अरोड़ा को माफी देते हुए निर्देश दिया कि वे जांच में सहयोग करें और उनके पास जो भी जानकारी है वह जांचकर्ताओं को बताएं.

दिसंबर 2022 में जब ईडी ने शराब घोटाले में पहली चार्जशीट दायर की थी तो संजय सिंह पर तीन आरोप लगाए गए थे. उसमें कहा गया था कि शराब घोटाले में पहले आरोपी और अब अब गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा शराब कारोबारी हैं. एजेंसी का दावा है कि दिनेश अरोड़ा के जरिए एक फंड रेजिंग प्रोग्राम किया गया. इसमें आम आदमी पार्टी के लिए 32 लाख रुपए जमा किए. ईडी का यह भी कहना है कि दिनेश अरोड़ा का एक काम फंसा हुआ था जिसे संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया के जरिए कराया. ईडी का कहना है कि यदि संजय सिंह का शराब घोटाले से कोई लेनादेना नहीं था तो उन्होंने दिनेश अरोड़ा का काम क्यों कराया. तीसरा आरोप यह लगा कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कराई थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों का कहना है कि संजय सिंह की भूमिका के बारे में दिनेश अरोड़ा ने उन्हें सारी जानकारी दी है.

ईडी ने इस साल मई में संजय सिंह के कुछ करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी सूत्रों का कहना है कि फोन से बरामद डेटा से पता चला लगा कि संजय सिंह से कई लोगों ने अपना काम कराने के लिए संपर्क किया था. ईडी का कहना है कि छापेमारी के दौरान ऐसे कई तथ्य सामने आए जिससे संजय सिंह की भूमिका साफ हुई. उधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि चूंकि संजय सिंह पीएम मोदी और कारोबारी गौतम अडानी के खिलाफ मुखरता से सवाल उठाते रहे हैं, इसलिए उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है.