वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. शहर के इमलीपारा और तिफरा में डायरिया ने फिर अपना पैर पसार लिया है. इन क्षेत्रों में 30 लोग डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं. वहीं इमलीपारा में पिछले 24 घंटे में दो महिलाओं की मौत हो गई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इससे इनकार कर रहा है.
दरअसल. इमलीपारा में उल्टी और दस्त की वजह से 9 लोग डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इमलीपारा निवासी कमला केंवट और ऊषा शर्मा की मौत अन्य कारणों से हुई है. विभाग का कहना है कि डायरिया से ही मौत हुई है ये अभी नहीं कहा जा सकता. जांच चल रही है. जबकि मोहल्ले वालों का कहना है कि क्षेत्र में एक ही घर के 4 मरीज निजी अस्पताल में भर्ती हैं. मोहल्ले में चारों ओर गंदगी है.
नालियों के बीच से निकल रह पाइप
स्थानीय लोगों ने बताया कि अमृत मिशन योजना के तहत पानी की सप्लाई की जा रही है. लेकिन पुरानी हो चुकी पाइप लाइन नालियों के बीच से होकर निकल रही है. जिससे लोग बीमार हो रहे हैं. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने इमलीपारा और तिफरा क्षेत्र के बछेरा में 145 घरों का सर्वे किया. जहां 30 प्रकरण सामने आ चुके हैं.
शिकायत सुनती नहीं पार्षद – स्थानीय
इमलीपारा में फैले डायरिया के प्रकोप को लेकर स्थानीय लोगों में पार्षद के खिलाफ नाराजगी है. मोहल्ले में रहने वाली सीता शर्मा बताती हैं कि हर घर में गंदा पानी आता है जो पीने लायक नहीं रहता. पार्षद को लेकर कहा कि शिकायत करो तो सुनतीं नहीं, फोन करो तो उठाती नहीं, घर जाओ तो मिलती नहीं. चुनाव के बाद से एकआध बार आई है, उसके बाद से एक भी बार नहीं आई. उन्होंने बताया कि मोहल्ले में दो लोग खत्म हो गए हैं और कितने लोग सीरियस हैं. सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आई थी, लेकिन भाग गए.
पिछले 3 महीने से शहर में डायरिया का प्रकोप गहराया हुआ है. जिले में अब तक 542 डायरिया पीड़ित मरीज पाए गए हैं. जिनमें से 6 लोगों की मौत डायरिया की वजह से होना बताया जा रहा है. हालांकि अधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं.
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