कर्ण मिश्र, ग्वालियर. केंद्रीय मंत्री जयोतिरादित्य सिंधिया और उनके दो समर्थक मंत्रियों के खिलाफ दायर क्रिमिनल परिवाद का मामले में आज ग्वालियर जिला कोर्ट के MP/MLA विशेष न्यायलय में सुनवाई हुई. MP/MLA कोर्ट ने इंदरगंज थाना पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. जिसके बाद कोर्ट ने परिवादी एडवोकेट नितिन शर्मा से जांच के स्टेटस रिपोर्ट के लिए बिंदु की मांग की.
परिवादी ने कोर्ट से 7 बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट का आग्रह की है. फिलहाल कोर्ट ने परिवादी के आग्रह को मंजूर कर लिया है और ग्वालियर SSP को परिवादी के जांच बिन्दुओं के आधार पर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए करने की बात कही है. ऐसे में एसएसपी को अब 20 नवंबर को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी. इसके अलावा 20 नवम्बर को ही परिवादी एड नितिन शर्मा के जांच कथन कोर्ट में दर्ज किए जाएंगे.
ये है पूरा मामला
दरअसल, 21 अप्रैल को उज्जैन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के लिए कहा था कि “हे महाकाल… कांग्रेस में अब कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा मत करना.” जवाब में सिंधिया ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर जवाब में लिखा था कि “हे प्रभु महाकाल… दिग्विजय सिंह जैसा देश विरोधी भारत में पैदा ना हो.”
वहीं 21 अप्रैल को ही तुलसी सिलावट ने भी एक ट्वीट किया था- जिसमें उन्होंने लिखा था कि हे महाकाल, ब्रह्मांड में दिग्गी राजा जैसा तत्व सूक्ष्म रूप में भी कहीं जन्म ना लें. धर्म, समाज, देश, मनुष्यता की रक्षा करो हे राजाधिराज.
मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा था- ‘हे तीनों लोकों के स्वामी महाकाल प्रभु दिग्विजय सिंह जी जैसे व्यक्ति को जिसने कांग्रेस का पूरा बंटाधार कर दिया, मध्यप्रदेश का बंटाधार कर दिया, महाकाल प्रभु से कामना है कि दिग्विजय सिंह को अगले जन्म में पाकिस्तान में पैदा करना था.
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इसके खिलाफ एडवोकेट नितिन शर्मा ने तीनों को लीगल नोटिस भेज माफी मांगने का आग्रह किया. समय सीमा में आग्रह न मानने पर कांग्रेस लीगल सेल के संभागीय अध्यक्ष एडवोकेट नितिन शर्मा ने परिवाद दायर किया था. नितिन शर्मा ने कोर्ट में क्रिमिनल परिवाद दायर करने का आग्रह किया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद क्रिमिनल परिवाद दायर किया था.
मामले से जुड़ी जांच की स्टेटस रिपोर्ट इंदरगंज थाना पुलिस को पेश करने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में आज इंदरगंज थाना पुलिस ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की. पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पर परिवादी ने सवाल खड़े किया है.
रिपोर्ट में बताया गया कि न्यायालय के आदेश पर साइबर सेल के जरिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट और मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के ट्विटर अकाउंट की जांच की गई. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर ट्वीट कर बयान दिए हैं. ऐसे में पूर्व सीएम के खिलाफ टिप्पणी किए जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन क्रिमिनल परिवाद दायर करने वाले याचिकाकर्ता का ग्राउंड सही नहीं है, वह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से सीधे ताल्लुक नहीं रखते हैं.
पुलिस के इस रिपोर्ट पर परिवादी ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई. आपत्ति मामले पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. ऐसे में अब परिवादी के बिंदुओं के आधार पर जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के SSP को निर्देश दिए हैं.
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