शब्बीर अहमद, भोपाल/कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुफ्त की रेवड़ी बांटने जैसी घोषणाओं और योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसे लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि सिर्फ सत्ता में आने के लिए फ्री के सिस्टम के खिलाफ हूं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि हमने काम किया है। भाजपा सरकार की तरह सिर्फ घोषणाएं नहीं की है।

ऊर्जा मंत्री ने कही ये बात

प्रद्युमन तोमर ने कहा कि सिर्फ सत्ता में आने के लिए फ्री के सिस्टम के खिलाफ हूं। लोगों के विकास के लिए, प्रारंभिक स्वास्थ्य शिक्षा इस पर हमको सुविधाएं देनी होगी। इस कदम से शिक्षा का स्तर बढ़ेगा वह स्वस्थ भी रहेंगे। इससे वह अपना, परिवार का, अपने शहर, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे। मेरा मानना है कि लोगों को शिक्षा फ्री मिलना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य सेवा लोगों को निशुल्क मिलना चाहिए, लेकिन आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियां जब सिर्फ सत्ता में आने के लिए फ्री का सिस्टम चला रही है, तब यह परंपरा पूरी तरह से बंद होना चाहिए।

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सुरेंद्र राजपूत बोले- सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का सम्मान

कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने सुप्रीम कोर्ट के मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को नोटिस भेजने पर कहा कि हमने काम किया है। बीजेपी सरकार की तरह सिर्फ घोषणाएं नहीं की है। उच्चतम न्यायालय के नोटिस का सम्मान करते है। हमारी राजस्थान सरकार इसका सही जवाब देगी। नोटिस पर एमपी बीजेपी की सरकार तो इसको लेकर भी राजनीति कर लेंगी। बीजेपी कहेगी हम जनता को देना चाहते है अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया। एमपी बीजेपी नाम बहादुर है यह केवल बोलते है। हम राजस्थान में काम बहादुर है हमने कहा नहीं बल्कि किया है। ओल्ड पेंशन और गैस सिलेंडर 500 में देना शुरू कर दिया है।

CM शिवराज पर साधा निशाना

सुरेंद्र राजपूत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आज की घोषणा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 18 साल में कुछ नहीं कर पाए, आखिरी समय में झूठी घोषणाओं का ऐलान कर रहे है। युवा भर्ती के लिए पांच साल से इंतजार कर रहे है, भर्तियां हुई लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। पांच-पांच हजार में पेपर बिक रहे है। 2019 से नर्सिंग की परीक्षाएं नहीं हुई। चार साल की डिग्री क्या आठ साल में पूरी होगी। सीएम राइज स्कूल में पढ़ाई नहीं बल्कि झाड़ू पोंछा की ट्रेनिंग दी जा रही है। बच्चियों के स्कूल में टायलेट, बिजली नही है, चला चली की बेला में झूठ बोल रहे है। शायद आज इनका आखिरी दिन है।

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SC ने चुनावी घोषणाओं पर भेजा नोटिस

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुफ्त की रेवड़ी बांटने जैसी घोषणाओं और योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने इनसे 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने नई जनहित याचिका को पहले से चल रही अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है। सभी मामलों की सुनवाई अब एक साथ होगी।

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जनवरी 2022 में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय फ्रीबीज के खिलाफ एक जनहित याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। अपनी याचिका में उपाध्याय ने चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों के वोटर्स से फ्रीबीज या मुफ्त उपहार के वादों पर रोक लगाने की अपील की। इसमें मांग की गई है कि चुनाव आयोग को ऐसी पार्टियां की मान्यता रद्द करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने अश्विनी से सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से फ्रीबीज की परिभाषा तय करने की अपील की। केंद्र ने कहा कि अगर फ्रीबीज का बंटना जारी रहा, तो ये देश को ‘भविष्य की आर्थिक आपदा’ की ओर ले जाएगा।

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