बिलासपुर. शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाए गए अनवर ढेबर समेत चार लोगों की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और पप्पू ढिल्लन समेत अनवर ढेबर की की अंतरिम बेल भी खारिज कर दी है.

बता दें कि ईडी ने अनवर ढेबर को 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाला का दोषी बताया है. गिरफ्तारी के बाद ढेबर को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्यगत कारणों को लेकर अन्तरिम जमानत पर छोड़ा है, लेकिन रेगुलर याचिका खारिज होने के बाद अनवर ढेबर की समस्या बढ़ गई है.

ईडी ने छापामार कार्रवाई के बाद आरोप लगाया कि प्रदेश में 2 हजार करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है. पूछताछ के बाद बाद ईडी ने रायपुर निवासी कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया. स्वास्थ्यगत कारणों को लेकर अनवर के वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया. कोर्ट ने स्वास्थ्य के मद्देनजर अनवर ढेबर को अन्तरिम जमानत पर मुहर लगाया था. मामले में पिछले दिनों ढेबर की तरफ से हाईकोर्ट में रेगुलर याचिका के लिए आवेदन दाखिल किया गया. आज सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति गौतम भादुडी की कोर्ट ने अनवर ढेबर की रेगुलर याचिका को खारिज करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है.

ईडी ने मई महीने में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया और कहा कि साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के जरिए कमाया, जिसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया. ईडी की ओर से कहा गया कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलीटिकल मास्टर्स को दी है. इसके बाद जिस मामले में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरुनपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया गया था, इस केस में फिलहाल अनवर देवर को मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर छोड़ा गया है.

इस मामले में ईडी ने अरुनपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121. 87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की है. शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है.

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