भुबनेश्वर, आज से ओड़िशा सरकार ने पुरे प्रदेश में पैराक्वाट के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. यह एक जहरिला कीटनाशक है जिसका उपयोग फार्म लैंड, कमर्शियल फॉरेस्ट, लॉन और मैनेज्ड लैंडस्केप में अवांछित पौधों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जलीय खरपतवार नियंत्रण के लिए भी इसे सीधे सतही जल में मिलाया जाता है.
बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध
इस बैन के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा, ”सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. यह पैराक्वाट मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ अन्य बड़े जानवरों के लिए भी खतरनाक है. पाराक्वाट इतना जहरिला है कि छोटे जानवर इसके संपर्क में आने मात्र से ही मर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रतिबंध आदेश प्रभावी होने के साथ ही इस जहरीले रसायन की बिक्री, निर्माण और उपयोग पर , पैराक्वाट को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
स्थायी प्रतिबंध के लिए केंद्र के पास रखा प्रस्ताव
कीटनाशक अधिनियम, 1968 के प्रावधानों के अनुसार, प्रतिबंध प्रारंभ में दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनुसंधान संस्थानों और अन्य हितधारकों से वैज्ञानिक राय लेने के बाद केंद्र सरकार को ओडिशा में इस रसायन पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी देगी.
‘मो सरकार’ पहल के तहत प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय ने कृषि और किसान अधिकारिता विभाग को विषाक्तता के मामलों के कारण मानव जीवन के किसी भी अन्य नुकसान को रोकने के लिए पैराक्वाट पर प्रतिबंध लगाने के मामले की जांच करने की सलाह दी.