रवि गोयल.सक्ती। सक्ती ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोरथा को नगर पंचायत बनाने की घोषणा के बाद ग्राम स्तर पर घमासान मचा हुआ है, ग्राम पंचायत पोरथा में दो गुट बन चुका है जिसमे से एक गुट पोरथा को नगर पंचायत बनाने का पुरजोर विरोध कर रहा है वहीं दूसरा गुट नगर पंचायत बनाने की घोषणा के फटाके फोड़कर गांव में मिठाईयां बांट रहे है. इस पूरे मामले में अधिकारी असमंजस्य की स्थिति में है और ग्रामीणों की मांग को राज्य शासन तक पहुंचाने की बात कर रहे है.
गरीब परिवारों को सता रहा टैक्स और बेरोजगारी का डर
दरअसल पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी जिसमे से एक सक्ती ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोरथा को नगर पंचायत बनाने की भी घोषणा शामिल है. सरकार की इस घोषणा की खबर लगते ही गांव के कुछ ग्रामीण इसे गांव के लिए नुकसान दायक बता रहे है ग्रामीणों का कहना है कि इससे गांव में निवासरत गरीब परिवार की मुसीबतें बढ़ जाएंगी. गांव में कई परिवार है जो मनरेगा के तहत अपना जीवन यापन चला रहें है, नगर पंचायत बनाने के बाद मनरेगा योजना के तहत उन्हें लाभ नहीं मिल पाएगा. इससे बेरोजगारी और आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी साथ ही नगर पंचायत बनने के बाद कई प्रकार के टैक्स लागू हो जाएंगे जो उनसे अतिरिक्त भार पड़ेगा. इन बातो को लेकर कई ग्रामीण पोरथा को नगर पंचायत बनाने का विरोध कर रहे है और इसी मांग को लेकर सेकडो की संख्या में गांव के महिला पुरुष कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर से मिलकर अपनी मांग रखी.
सरपंच का कहना गांव में बहेगी ‘विकास की गंगा’
वही इस घोषणा को लेकर गांव के सरपंच सहित अनेक ग्रामीण खुशियां बना रहे है और राज्य सरकार और क्षेत्रीय विधायक को इस घोषणा के लिए धन्यवाद दे रहे है और फटाके फोड़कर और आपस में मिठाईयां खिलाकर खुशियां मना रहे है. ग्रामीणों का कहना है की पोरथा को नगर पंचायत बनाकर हमारे गांव के विकास के रास्ते खुल रहे है. नगर पंचायत बनने से अब पोरथा में कई विकासकार्य होंगे. गांव को अब नगर की तरह विकसित किया जाएगा. बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा की दिशा में भी पोरथा में कार्य होंगे, आने वाले समय में लोगो को सक्ती की तरह ही स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा पोरथा के ग्रामीणों को मिलेगी.
फर्जी प्रस्ताव का भी लग रहा आरोप, सरपंच ने बताया निराधार
पोरथा को नगर पंचायत बनाने के विरोध में कलेक्टर के पास पहुंचे ग्रामीणों ने अपने शिकायत में कहा है की ग्राम पंचायत में इसको लेकर कोई भी बैठक नही की गई न ही इसको लेकर कोई प्रस्ताव पंचायत में पारित हुआ है. सरपंच ने गलत तरीके से प्रस्ताव बनाकर दिया है जिसकी जांच की जाए. वहीं इस आरोप को सरपंच ने निराधार बताया है. सरपंच का कहना है कि 2 साल पहले ही इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है, 6 सितंबर 2021 को पंचायत की बैठक में इस प्रस्ताव को पंच सरपंच की मौजूदगी में पारित किया गया है.
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