चंडीगढ़. यू. टी. प्रशासन ने फैस्टिवल सीजन के चलते शहर में ग्रीन पटाखों की अनुमति दे दी है। दीवाली, दशहरा और गुरुपर्व पर ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे।

डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट विनय प्रताप सिंह की तरफ से इस संबंध में डिटेल ऑर्डर जारी किए गए। पटाखे जलाने की लिए समयसीमा तय की गई है और सभी त्योहारों पर दो घंटे से ज्यादा की अनुमति नहीं दी गई है।

आदेशों के अनुसार प्रशासन ने शहरवासियों को दीवाली पर रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी है। इसी तरह दशहरा पर रावण दहन के दौरान ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई है, जबकि गुरुपर्व पर तड़के 4 से 5 बजे और रात 9 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने त्योहारों पर ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी। इसके अलावा नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी पहले उन शहरों में पटाखे जलाने की अनुमति दी थी, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट है या फिर कम है। ये भी कहा गया था कि सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही अनुमति दी जाएगी और दो घंटे से अधिक जलाने की अनुमति नहीं होगी। आदेशों के अनुसार सी. एस. आई. आर. नीरी से प्रमाणित सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही अनुमति होगी।

पुतलों में भी सिर्फ ग्रीन पटाखे ही लगाए जाएं निर्देश दिए गए कि दशहरा पर पुतलों में भी सिर्फ ग्रीन पटाखे ही लगाए जाने चाहिए। साथ ही इस दौरान अन्य किसी को भी पटाखे जलाने की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि पिछले साल भी दो घंटों के लिए ही पटाखे जलाने की अनुमति दी गई थी, जबकि उससे पहले लगातार दो साल प्रशासन की तरफ से पटाखे जलाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, लेकिन बावजूद इसके कई एरिया में पटाखे जलाने के मामले सामने आए थे। यहां तक कि प्रशासन के निर्णय लेने में देरी के कारण पुतलों में पटाखे जलाने के मामले में रामलीला आयोजन समितियों के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।चंडीगढ़ क्रैकर्स डील से एसोसिएशन के महासचिव चिराग अग्रवाल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब प्रशासन को ड्रॉ की प्रक्रिया जल्दी पूरी करनी चाहिए, ताकि वह विक्रेता ही पटाखे लेकर आए, जिसका ड्रॉ में नाम आया है। इसके अलावा उन्होंने इस बार स्टॉल का साइज बढ़ाने की भी मांग की है।