शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने औपचारिक तौर पर भाजपा पार्टी ज्वाइन की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा है। सचिन बिरला एक साल पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा के मंच पर नजर आए थे।

सचिन बिरला वर्तमान में खरगाोन जिले की बड़वाह सीट से विधायक हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर विधानसभा पहुंचे सचिन बिरला पिछले करीब एक साल से पार्टी से दूर हैं। सचिन ने भले ही आज आधिकारिक तौर पर बीजेपी का दामन थामा हो, लेकिन यह एक साल पहले ही पार्टी में शामिल हो गए थे।

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दरअसल, सचिन बिरला ने साल 2020 में हुए उपचुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था। इसके बाद भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार भी किया था, लेकिन आज तक वे विधानसभा सचिवालय के रिकॉर्ड में कांग्रेस विधायक बने हैं और विधायक की सभी सुविधाएं मिल रही हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि सचिन बिरला को अपनी विधायकी जाने का डर था इसलिए, अब बीजेपी में शामिल हुए है। अपनी विधायकी को बचाने के लिए जैसे कि विधायकी पेंशन बंद न हो इसलिए इतने लंबे समय तक सचिन रुके रहे। हमारे हिसाब से ये गलत काम है और जनता की नज़रों में भी आप ग़लत बनते हैं, लेकिन आने वाले समय में उनको बेहद दुख होने वाला है क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने वाली है।

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रागिनी नायक ने कहा कि शायद सचिन ने ठीक काम नहीं किया होगा। जनता नाराज़ हो गई और उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं होगी, लेकिन उन्होंने खुद अपना नुकसान करवाया है, क्योंकि इन चुनावों में कांग्रेस जीत दर्ज करेगी।

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