न्यूज 24 मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ और लल्लूराम डॉट कॉम के सलाहकार संपादक संदीप अखिल ने आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी से आध्यात्मिक चर्चा की. इस दौरान कई विषयों को लेकर आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी ने अपने विचार रखे.

चर्चा के दौरान आचार्य ने कहा कि चरित्र यदि आपका श्रेष्ठ है, तो आप हर क्रिया में विकसित हो सकते हैं. चरित्र वो उपजाऊ भूमि है जिसमें बीज पैदा हो सकते हैं, तो यदि आपका चरित्र श्रेष्ठ है तो ज्ञान का बीज पैदा होगा, चरित्र श्रेष्ठ है तो भक्ति का बीज पैदा होगा, चरित्र श्रेष्ठ है तो सेवा का बीज पैदा होगा। उन्होंने कहा कि कभी कभी तो दुर्योधन भी किसी का सत्कार कर लेता था, उसने श्री कृष्ण का सत्कार किया था, लेकिन उसका चरित्र अच्छा नहीं था तो कृष्ण ने उसकी सेवा को स्वीकार नहीं किया। वहीं विदुर ने तो दरवाजा भी नहीं खोला था, पर उसका चरित्र इतना श्रेष्ठ था कि कृष्ण जा के दरवाजा खटखटाते हैं, कि मुझे कुछ खाने के लिए दीजिए। इसलिए चरित्र के उपजाऊ खेत के उपर आप धर्म का, ज्ञान का, सेवा का, राष्ट्र भक्ति का, कृष्ण भक्ति का, आध्यात्म का, परिवार के समन्वय का, हर प्रकार का बीज विकसित कर सकते हैं.

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