पी. रंजनदास, बीजापुर. जिले में 117 देवगुड़ी निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप पर सहायक आयुक्त के बयान पर युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने पलटवार किया है. विदित हो कि अजय ने भ्रष्टाचार का आरोप विधायक विक्रम मंडावी, बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा और सहायक आयुक्त मेश्राम पर लगाया है.

पत्रवार्ता कर रहे युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने कहा कि अगर देवगुड़ी पर खर्च हुए तो देवगुड़ी कहां बने? देवगुड़ी को लेकर मेरे आरोपों के विरुद्ध सहायक आयुक्त न्यायालय जाए तो स्वागत, वो मेरे विरुद्ध जाये, मैं साक्ष्य प्रस्तुत करूँगा. अजय ने कहा कि कलेक्टर-एसी खो-खो का खेल खेल रहे हैं. निर्माण तो दूर सालभर में एजेंसी बदलने का काम हुआ है. सहायक आयुक्त इस कदर घबराए हैं कि मेरे द्वारा दाखिल 12 आरटीआई का जबाब समयावधि बीतने के बाद भी नहीं दे रहे.

अजय सिंह ने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि अगर देवगुड़ी निर्माण में पारदर्शिता बरती गई तो ठेकेदार से रिकवरी क्यों हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर राजेन्द्र कटारा जब से पदस्थ हुए तब से बीजापुर में भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं रही. अब तो एजेंसी बदलने के बाद भी सरपंचों को वर्क आर्डर जारी नहीं. यह भी राशि आहरण के लिए साजिश है.

उन्होंने कहा कि सहायक आयुक्त कोर्ट जाए ना जाये मैं विधायक, कलेक्टर, सहायक आयुक्त के विरुद्ध कोर्ट की शरण में जाऊंगा. दरअसल बीजापुर में 3 करोड़ 49 लाख 20 हजार की लागत से 117 देवगुड़ी बनने थे. अजय का आरोप है कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने पहले सहायक आयुक्त को निर्माण एजेंसी बनाया गया था, जिसमें अफसर ने ठेकेदार के साथ मिलकर बिना निर्माण के एकमुश्त बड़ी रकम जारी करवा दी थी.