कालाधन रखने वालों की अब खैर नहीं है. भारत को स्विस बैंक खातों की डीटेल का पांचवां सेट मिल गया है. स्विट्जरलैंड ने समझौते के तहत भारत समेत 104 देशों के साथ 36 लाख खातों का वित्तीय ब्योरा साझा किया है. भारत को सैकड़ों खातों की जो जानकारी मिली है, वह कुछ लोगों, कॉरपोरेट और ट्रस्ट से जुड़े हैं.

  इस ब्योरे में नाम, पता, अकाउंट डीटेल जैसी जानकारियां शामिल हैं. इस डेटा का इस्तेमाल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे गलत कामों की जांच में किया जाएगा. सूचनाओं का यह सेट पिछले महीने मिला था. भारत को मिला यह डेटा उन लोगों के खिलाफ मजबूत केस बनाने में काफी उपयोगी रहा है, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है.

इनकम टैक्स में गलत जानकारी देने वाले नपेंगे

जानकार बताते है कि इनकम टैक्स विभाग अब मिली जानकारी के आधार पर वह यह सत्यापित कर पाएंगे कि क्या टैक्सपेयर्स ने अपने आयकर रिटर्न में अपने वित्तीय खातों की सही घोषणा की है ? स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) पर वैश्विक मानक के ढांचे के भीतर 104 देशों के साथ वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया गया है. इस वर्ष कजाकिस्तान, मालदीव और ओमान को 101 देशों की पिछली सूची में जोड़ा गया. वित्तीय खातों की संख्या में करीब दो लाख की वृद्धि हुई है. सूचनाओं का आदान-प्रदान 78 देशों के साथ पारस्परिक था. 25 देशों के मामले में स्विट्ज़रलैंड ने जानकारी प्राप्त की, लेकिन खुद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, क्योंकि ये (13) देश अबतक गोपनीयता तथा डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं या उन देशों (12) ने डेटा प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है.