बालेश्वर: मयुरभंज के बाद अब बालेश्वर के सोर इलाके से भी दील चीर देने वाली एक घटना सामने आई है. जानकारी के मुताबिक जन्म के बाद कोई बहत ही अमानवीय तरीके से एक नवजात बच्ची सड़क किनारे झाड़ीयों में फेंक के चला गया था. सोर क्षेत्र के कमरपुर गांव के एक आश्रम संचालक को ने उस बच्ची की अवाज सुनकर उसे बचाया और फिर सोर अस्पताल में भर्ती कराया है. बच्ची की हालत अभी भी गंभीर बताया जा रहा है.
झाड़िओं में लावारिस मिली बच्ची
सुचना अनुसार, कमरपुर स्थित अन्नपूर्णा मिल परिसर के अंदर बांकबिहारी आश्रम के मालिक त्रैलोक्य दास ने सुबह एक बच्चे के रोने की आवाज सुनकर अपनी पत्नी को बुलाया. दास दंपती ने झाड़ियोें के अंदर से घायल अवस्था में बच्ची को बाहर निकाला. बच्ची बहुत ही बुरी स्थिती में थी और उससे गंदी बू आ रही थी. घायल बच्ची को हल्के गर्म पानी से नहलाकर दास दंपती ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. वहां इलाज के बाद भी बच्ची की हालत में सुधार न होने पर उसे बालेश्वर जिला मुख्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है.
तीन दिन से एक बैग में जिंदा थी नवजात
स्थानीय लोगों ने कहा है कि तीन दिन से झाड़ियों में एक बैग पड़ा हुआ था. लेकिन उसमें क्या है कोई नहीं जानता था. आज सुबह त्रैलोक्य दास नाम के एक व्यक्ती ने बच्ची के रोने के आवाज सुनकर उसे बचाया. तीन दिन झाड़ियों में पड़े रहने के बाद भी बच्ची की सांसे चल रही थी. लेकिन बच्ची की स्वास्थ्य अवस्था अभी गंभीर है.
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरु कर दी है और उस बच्ची की माता-पिता की पहचान करने की कोशिश कर रही है. सभ्य समाज में आज की इस घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया है. स्थानीय लोग इस तरह की हैवानियत से खफा हैं और लोगों का कहना है कि जो भी इस अपराध में शामिल है उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए.