नई दिल्ली। आखिरकार उस तारीख की घोषणा हो ही गई, जब भारत का महत्वकांक्षी ‘गगनयान’ अपनी उड़ान भरेगा. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयान परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) 21 अक्टूबर को अंतरिक्ष के लिए पहली उड़ान भरेगा. इसके जरिए इसरो क्रू एस्केप सिस्टम की प्रभावकारिता का भी परीक्षण करेगा, जो 2024 में बाह्य अंतरिक्ष में मानव रहित और मानवयुक्त मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में गगनयान मिशन की घोषणा की थी. इस दिशा में इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गगनयान का टेस्ट 21 अक्टूबर को फ्लाइ व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइट (TV-D1) आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से छोड़ी जाएगी.

जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस टेस्ट में क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस में लॉन्च करना, पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे रिकवर करना शामिल है. क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को आउटर स्पेस में ले जाएगा.

क्रू मॉड्यूल को रिकवर करने के लिए नौसेना ने मॉक ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं. क्रू मॉड्यूल के अलावा TV-D1 क्रू एस्केप सिस्टम की भी जांच करेगा. मिशन के दौरान कोई परेशानी आती है तो रॉकेट में मौजूद एस्ट्रोनॉट कैसे पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से आ सकेंगे, इसकी टेस्टिंग होगी. इसमें मिलने वाले परिणामों के आधार पर अगले साल गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया जाएगा.