रायपुर. दिल्ली में देश भर में शक्ति प्रोजेक्ट में तीसरे स्थान पर रहे सुनील माहेश्वरी का सम्मान दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया. जबकि बाकी सदस्यों को कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं द्वारा सम्मानित किया गया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ ने राजस्थान के बाद सबसे ज़्यादा करीब ढाई लाख लोगों को शक्ति प्रोजेक्ट से जोड़ा है. पहले स्थान पर राजस्थान है. दिल्ली में राज्य में सबसे ज्यादा लोगों को जोड़ने वाले दस कांग्रेसियों को राहुल गांधी की मौजूदगी में सम्मानित किया गया.
सम्मान पाने वालों में इस प्रोजेक्ट के स्टेट हेड राजेश तिवारी और रायपुर शहर के कार्यवाहक अध्यक्ष विकास उपाध्याय भी शामिल रहे. इन नामों में विकास उपाध्याय का नाम सबको चौंका रहा है. उनके नाम को लेकर कई तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर हो रही है. विकास उपाध्याय को लेकर सोशल मीडिया में कांग्रेस के ही कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं कि 14 अगस्त तक जिस विकास का नाम पहले तीस में भी नहीं था वो कैसे टॉप में पहुंच गया. कहीं उसकी दिल्ली में पैराशूट लैंडिंग तो नहीं हुई. इस मसले पर विकास उपाध्याय का कहना है कि उन्होंने रिफरेंस का प्रावधान शक्ति में होने से पहले ही करीब 8 हज़ार से ज़्यादा लोगों को जोड़ लिया था.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को शक्ति प्रोजेक्ट के ज़रिए पूरे देश में जोड़ रही है. जुलाई से इसमें जोड़ने वालों का नाम रिफरेंस के तौर पर शामिल करने का प्रावधान किया गया. जिससे ये पता चल सके कि किसने कितने लोगों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा. रिफरेंस आने से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा और प्रोजेक्ट इंचार्ज ने हर महीने सबसे ज़्यादा लोगों को जोड़ने वालों के नाम सार्वजनिक करने शुरु किये जिससे जोड़ने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा हो. इस मामले को लेकर जब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने बयान दिया कि शक्ति प्रोजेक्ट की परफॉर्मेंस भी टिकट के बंटवारे का एक आधार होगी तब से इसमें और तेज़ी आ गई. छ्त्तीसगढ़ की कांग्रेस कमेटी ने जून तक करीब 25 हज़ार नाम जोड़े थे. लेकिन उसके बाद दो महीनों में दो लाख और नाम जोड़ लिए गए. 14 अगस्त को कांग्रेस की ओर से प्रदेश के टॉप टेन परफॉर्मर को राहुल गांधी द्वारा दिल्ली में सम्मानित करने की सूची भेजी गई.
14 अगस्त तक विकास उपाध्याय का नाम इस सूची में नहीं था. लेकिन आज जब एआईसीसी द्वारा टॉप परफॉर्मर के जुड़ने का वक्त आया तो विकास उपाध्याय इसमें शामिल हो गए. इस मामले को लेकर प्रोजेक्ट इंचार्ज राजेश तिवारी का कहना है कि जब रिफरेंस का प्रावधान प्रोजेक्ट में शामिल नहीं था तब विकास ने लगन के साथ काम किया. जिसका सिला उसे आज दिल्ली में पार्टी द्वारा मिला. उनसे जब पूछा गया कि जब रिफरेंस का प्रावधान नहीं था तब विकास उपाध्याय ने कितने सदस्य जोड़े हैं ये कैसे पता चला. इस पर उनका कहना है कि उस वक्त ये बात सभी नेताओं की जानकारी में थी और जिन लोगों ने लोग जोड़े उसकी जानकारी जोड़ने वाला कार्यकर्ता अपने पास रखता था.
लेकिन उनकी सफाई से पहले ये बात सोशल मीडिया पर चटखारे लेकर कही जाने लगी कि राहुल गांधी को गए 10 दिन नहीं हुए और पहला पैराशूट दिल्ली में विकास उपाध्याय के रुप में लैंड हो गया. इस मसले पर विकास उपाध्याय का कहना है कि उन्होंने रिफरेंस का प्रावधान शुरु होने से पहले 8000 हज़ार से ज़्यादा लोगों को जोड़ लिया था जबकि उसके बाद करीब 3400 लोगों को जोड़ा. जिससे वो टॉप पर पहुंचे. हालांकि राजेश तिवारी ने 13 अगस्त को जो लिस्ट जारी की है उसमे विकास उपाध्याय 1188 लोगों को ही जोड़ पाए थे. हालांकि 14 अगस्त यानी इस लिस्ट के जारी होने के एक दिन बाद तक जोड़े गए लोगों की संख्या के आधार पर टॉप के नाम जोड़े गए हैं.