मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है और शरद नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा का विधान है.

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से  सभी दुख, दर्द और तकलीफें दूर हो जाती हैं.

मां ब्रह्मचारिणी (Ma Brahmacharini) को तपश्चारिणी भी कहा जाता है क्योंकि हजारों वर्षों तक वे कठिन तपस्या करती रही थीं.

कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी?

सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 7 बजकर 54 मिनट तक और दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक है

पूजा मुहूर्त

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते  समय पीला और हरा रंग का कपड़ा पहनें.

शुभ रंग

मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं

मां ब्रह्मचारिणी का भोग

ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र

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