कुमार इंदर, जबलपुर। हाल ही में आए एक सर्वे ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। जी हां सर्वे रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण के चलते मध्य प्रदेश में हर एक शख्स की उम्र तकरीबन 5 साल काम हो रही है। इसकी वजह हवाओं में तेजी से घुलता जहर, तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण और नियम कानून की उड़ती धज्जियां हैं। इसी को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के रजत भार्गव और डॉक्टर पी जी पांडे ने एनजीटी में एक अवमानना याचिका दायर की गई है।
याचिका के माध्यम से यह कहा गया है कि साल 2021 में एनजीटी के स्पष्ट आदेश के बावजूद दिवाली पर बिकने वाले पटाखे मानक ना होकर हाई डेसीबल बन रहे हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण और तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस मामले में दायर अवमानना याचिका पर नवंबर के पहले सप्ताह तक सुनवाई होने की संभावना है।
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सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी भी दे चुका है निर्देश।
त्योहार और खासकर दिवाली के मौके पर बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने पिछले आदेशों में यह साफ साफ कहा था कि, इस तरह के पर्व पर सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति होगी। कोर्ट ने अपने आदेशों में यह भी स्पष्ट कहा है कि किसी भी सूरत में हाई डेसीबल के पटाखे ना तो फोड़ जाएंगे और न ही बेचे जाएंगे। यदि मानक पैमाने से हटकर इस तरह के पटाखे बाजार में बेच पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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लेकिन इस तरह के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी यह देखा जा रहा है कि खासकर दिवाली के मौके पर हाई डेसीबल और अमानक स्तर के पटाखे फोड़े जाते हैं ,जिसके चलते दिवाली पर एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी बढ़ जाता है। इसी बात को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मान्य फिर से एनजीटी में एक ओमान याचिका दायर की है।
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