नई दिल्ली . बवाना और नरेला औद्योगिक क्षेत्र में निजी एजेंसियों द्वारा वाहनों से लिया जा रहा पार्किंग और प्रवेश शुल्क अब नहीं देना होगा. औद्योगिक क्षेत्र के फैक्टरी मालिकों के साथ बैठक के बाद दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भरोसा दिया है कि बवाना में 15 अक्तूबर से पार्किंग चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसे लेकर सरकार जल्द ही अहम फैसला लेगी.
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल के नेतृत्व में फैक्टरी मालिकों ने उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज से मुलाकात की. दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी ) और बवाना इंफ्रा के अधिकारियों के साथ चली बैठक में उद्यमियों ने बिंदुवार अपनी समस्याओं को रखा. फैक्ट्री मालिकों ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में टोल बैरियर नहीं होना चाहिए, इससे जाम लगता है. उद्यमियों पर पार्किंग का अतिरिक्त शुल्क नहीं भी लगाया जा रहा. इस वजह से ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ जाएगी.
इस मौके पर बवाना इंफ्रा के अधिकारियों ने कहा कि टोल बैरियर केवल व्यावसायिक वाहनों के लिए है. स्कूटर, बाइक और निजी कार को शुल्क नहीं देना होगा. इसका भी उद्यमियों ने विरोध किया. बताया जा रहा है कि बैठक में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने फैक्टरी मालिकों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी तरह का टोल बैरियर इंडस्ट्रियल एरिया में नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्किंग शुल्क के नाम पर कोई बैरियर नहीं लगाया जाएगा. इससे करीब 16 हजार व्यापारियों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा.
भाजपा बोली- हमने मुद्दा उठाया, उसके बाद फैसला हुआ दिल्ली भाजपा का कहना है कि गुरुवार को हमने बैठक बुलाई गई थी, जिसमें बवाना औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का सामने पूरा मामला रखा था. बैठक में उद्यमियों ने बताया था कि औद्योगिक क्षेत्र में 12 मीटर और 24 मीटर चौड़ी सड़कों पर करीब 40 टोल प्वाइंट बना दिए हैं, जिन पर व्यावसायिक वाहनों से भारी पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा. आज स्थिति इतनी खराब हो गई है कि टैम्पू व ऑटो वाले को पार्किंग देनी पड़ रही है. इससे ट्रांसपोर्टेशन का चार्ज भी महंगा हो रहा है.