रायपुर. सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर किए गए टोटके और उपाय शुभ फल प्रदान करते हैं। इन टोटकों के करने से जीवन की सभी परेशानियों का निवारण होता है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। प्रदोष काल का अर्थ होता है सूर्य अस्त होने से 45 मिनट पहले का समय और सूर्य अस्त होने के 45 मिनट बाद तक रहता है.
ज्योतिषियों के मुताबिक, सर्वपितृ अमावस्या की दिन एक साफ नींबू को घर के मंदिर में रख दें। फिर उसको रात के समय सात बार अपने सिर से उतार लें। इसके बाद नींबू को 4 बराबर हिस्सों में काट लें और चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दें। ऐसा करने से करियर में तरक्की के शुभ योग बनना शुरू हो जाएंगे।
सर्वपितृ अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें कि बत्ती के लिए लाल रंगे के धागे का उपयोग करें। साथ ही दीपक में थोड़ी केसर व काले तिल डाल दें। ऐसा करने से कर्ज से राहत मिलेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
सर्वपितृ अमावस्या की रात काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिला दें। अगर कुत्ता उसी समय रोटी खा लेता है तो शत्रु आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे और करियर में तरक्की होगी। सर्वपितृ अमावस्या की रात पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीपक बहती हुई नदी या तालाब में छोड़ दें। लेकिन ध्यान रहे कि रात में ऐसा करते समय कोई आपको देखे ना। ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और परिवार के सदस्यों की उन्नति होती है।
पितृपक्ष की अमावस्या के दिन बबूल के पेड़ के नीचे पितरों के लिए भोजन रखें। साथ ही कच्चा दूध, दो लौंग, थोड़े बताशे और काले तिल पितरों को अर्पित करें। इस टोटके के करने से नौकरी व व्यापार के साथ जीवन में चल रही सभी समस्याओं से निजात मिलेगी और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहेंगी।
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