पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 16 करोड़ रुपए की लागत से बन रही 23 किमी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. 5 इंच के बीएम के बाद 2 इंच कारपेट वर्क को अलग-अलग करने के बजाए ठेकेदार ने एक साथ कर दिया, जिसकी वजह से सड़क उखड़ने लगी. अफसर की मनाही के बाद भी ठेकेदार के काम नहीं रोकने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. Read More-कांग्रेस की दूसरी सूची 18 या 20 अक्टूबर को होगी जारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने दी जानकारी…

दरअसल, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत घुमरापदर से खोखमा मार्ग पर, घुमरापदर से चुखली तक लगभग डेढ़ किमी लंबी अधूरे पेच का काम 8 माह बाद ठेका कंपनी ने शुक्रवार से अचानक शुरू कर दिया. विभाग के इंजीनियर के गैर मौजूदगी में आनन-फानन में शुरू हुए इस काम को लेकर ग्रामीण भी हैरान थे.

ठेका कंपनी मेसर्स फारूक वारसी के वर्कर ने शुक्रवार को डामरीकरण शुरू किया था, और वह शनिवार को उखड़ने लगा. इस पर ग्रामीणों का विरोध सामने आने लगा. ग्राम सरपंच सोनाराम मांझी ने विभाग के एसडीओ कमलेश चंद्राकर से बगैर किसी अफसर की मौजूदगी में किए जाने रहे काम को लेकर मौखिक शिकायत की. एसडीओ ने इस पर मौखिक तौर पर काम रोकने का निर्देश दिए. कुछ घंटे काम बंद भी रहा, लेकिन शाम साढ़े 5 बजते ही दोबारा शुरू कर दिया गया.

ग्रामीण सुखदेव सोरी, जगबंधु विश्वकर्मा, देवनाथ मांझी ने बताया कि इस कंपनी की ओर से शुरू से ही घटिया काम किया जा रहा है. मूढगेलमाल कोदोभाठा की सड़क से डामरीकरण पहली बारिश में उखड़ने लगा है. ग्रामीणों ने कहा कि हमारे ग्राम क्षेत्र में गड़बड़ी शुरू कर दी गई है. अफसरों की मौजूदगी में तय मापदंड में काम नहीं कराया गया तो सड़क जाम कर देंगे. एसडीओ कमलेश चंद्राकर ने बताया कि काम रोकने कहा गया था, फिर से अगर काम चालू किया गया है. और गलत हो रहा है तो दोबारा कराया जाएगा.

न सफाई, न प्राइमर, सीधे सील कोड

ग्रामीणों का कहना है कि दो दिन से किए जा रहे डामर कार्य में सड़क की धूल की सफाई किए बगैर बिना प्राइमर मारे सीधे 7 इंच का लेयर एक साथ बिछा दिया जा रहा है. इससे डामर की परते उखड़ने लगी है. मामले में इंजीनियर जितेंद्र चंद्राकर ने कहा कि मुझे काम करने वालों ने बताया है कि दोनों लेयर अलग-अलग किया गया है. चुनाव ड्यूटी में हूं, एसडीओ से बात कर लो.

पेनाल्टी लग चुकी है कंपनी को

बताया जा रहा है कि, 2020 में कार्य का वर्क आर्डर जारी कर दिया गया था, जिसे 26 जून 2021 को ठेका कंपनी एमएस फारूक वारसी को पूरा करना था. मगर इस अवधि में काम पूरा नहीं हुआ. 35 लाख की पेनाल्टी भरने के बाद इस काम को सितंबर 2023 तक पूरा करने की मियाद दोबारा दी गई. दूसरे टाइम लाइन में भी कंपनी ने काम पूरा नहीं किया.

क्या है तय मापदंड

तय मापदंड के मुताबिक, सड़क डब्लूबीएम वर्क के बाद 7 इंच के डामर को दो अलग-अलग लेयर में बिछाने का प्रावधान है. ग्रेडिंग 1 बिटुमिन मैकडम यानी बीएम वर्क के तहत प्रीमिक्स कंक्रीट (पीएमसी) बिछाई जाती है. (पौन इंच गिट्टी के साथ डामर) फिर अच्छे से रोलिंग किया जाना होता है. इसकी थिकनेस 5 इंच का होना है. इसके ऊपर दूसरे चरण में 2 इंच डामर से कार्पेट लेयर का काम करना होता है. फिर सील कोड वर्क किया जाना है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक