नेहा केशरवानी, रायपुर. जशपुर विधानसभा में भाजपा में टिकट को लेकर सिर फुटव्वल जारी है. जशपुर विधानसभा से चुने प्रत्याशी का विरोध करने आए बीजेपी कार्यकर्ताओं की मुलाकात प्रदेश अध्यक्ष से हुई. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष से अपनी बातें रखते हुए दर्जनों कार्यकर्ता रो पड़े. ठोस आश्वासन के बाद ही हटने की बात कही है.

बता दें कि, जशपुर से प्रत्याशी रायमुनि भगत का बीजेपी कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं. पिछले 3 दिन से बीजेपी कार्यालय के बाहर विरोध में डटे हुए हैं. कार्यकर्ता गणेश राम भगत को टिकट देने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान अरुण साव ने कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर उनकी बात सुनी.

कार्यकर्ताओं ने बताया कि, अरुण साव ने उन्हें आश्वासन दिया है, शीर्ष नेतृत्व तक बात पहुंचा दी जाएगी. गणेश राम जी औऱ आप सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान रखा जाएगा. जशपुर विधानसभा में जो कुछ तथाकथित नेता अनर्गल या गलत बातें कर रहे उन्हें समझाया जाएगा. सभी कार्यकर्ता का हम सम्मान करते हैं.

4 भ्रम ने बिगाड़ा टिकट का खेल ?

कार्यकर्ताओं ने बताया कि, जशपुर विधानसभा क्षेत्र में गणेश राम जी के लिए 4 भ्रम फैलाया गया. पहला भ्रम कि, वो अब बुजुर्ग हो चुके हैं, वह कहीं चल फिर नहीं पाते, वह प्रत्यक्ष रूप से देश जानता है कि वह कैसे हैं. दूसरा भ्रम ये फैलाया गया कि, उनका पैर टूट गया है, वह व्हीलचेयर पर चलते हैं, रिपोर्ट ये आई है कि एक साल में 120 आंदोलन गणेशाराम जी ने किया है. अगर वह चल फिर नहीं पाते तो फिर आंदोलन कैसे हुआ? तीसरा भ्रम फैलाया गया कि, बीजेपी के विरोध में काम किया था, 2013 से 2023 में विधानसभा को खड़े करने का काम गणेश राम भगत ने किया, आखिरी भ्रम यह फैलाया गया प्रदेश स्तर से कि वह संगठन को यह धमकी देते हैं कि, उन्हें टिकट नहीं मिला था. वह तीन सीट हरा देंगे, जिस चैनल के माध्यम से यह भ्रम फैलाई गया था उसे हमने लीगल नोटिस जारी किया है.

टिकट कटने पर रो पड़े थे गणेश राम भगत

बता दें कि, जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और भाजपा के पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा की टिकट से वंचित रखे जाने पर उनका एक रोने वाला वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था.
गणेश राम भगत इस वायरल वीडियों मे जनजातीय सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं की बैठक में विधानसभा की टिकट नहीं मिलने पर उपस्थित लोगों को सांत्वना दे रहे थे. भाजपा नेताओं का आश्वासन के बाद भी टिकट नहीं दिऐ जाने की बात करते हुए वे अपने आंसुओं को नहीं रोक सके.

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