एक अप्रैल 2014 के बाद से तैनात शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सामूहिक बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से ग्रुप इंश्योरेंस कराने के लिए नया प्रस्ताव भेजा है।
‘प्रीमियम की कटौती’
जानकारी के मुताबिक, पहले के ग्रुप इंश्योरेंस के तहत सिर्फ मृत्यु जोखिम का प्रावधान है, बचत का नहीं। ये बातें बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से शासन को भेजे प्रस्ताव में बताई गई है। इस अनुशंसा के अनुसार शिक्षकों के वेतन से हर माह या सालाना प्रीमियम की कटौती की जाएगी।
प्रताप सिंह बघेल ने बताया है कि नए नियमों के अनुसार केवल ग्रुप टर्म इंश्योरेंस की सुविधा है। कुल कटौती की गई प्रीमियम की राशि वापस नहीं होगी यदि सेवानिवृत्त तक शिक्षक जीवित रहता है। वहीं, यदि उसकी असमायिक मृत्यु होती है तो उसे मृत्यु दावा का भुगतान होगा।
उठाती रही है मांग
साथ ही इस अनुशंसा के अनुसार इसमें केवल असामयिक मृत्यु पर ही दावा मिलेगा और मेच्योर हुई राशि या ब्याज का प्रावधान नहीं है। सचिव ने इस पर शासन से अनुमति मांगी है। वहीं, शिक्षक नेताओं ने इस पर असंतोष जताया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि इससे शिक्षकों को ज्यादा लाभ नहीं होगा। वहीं 2014 के बाद से काटी गई बीमा की राशि भी अभी तक विभाग ने नहीं वापस की है। सामूहिक बीमा की मांग लंबे समय से बेसिक शिक्षकों के द्वारा की जा रही है। संगठन समय-समय यह मुद्दा उठाते रहे हैं।