अनिल सक्सेना, रायसेन। रायसेन जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर और जिले के भोजपुर विधानसभा के ग्राम गुदावल में मां कंकाली का प्राचीन मंदिर स्थित है। लगभग 400 वर्ष पुराने इस मंदिर में भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और भक्त यहां दूर-दूर से मां के दर्शन करने आते हैं। भारत के अलग-अलग स्थानों पर देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों में कई चमत्कार देखने-सुनने को मिलते हैं। कभी मंदिर में देवी की मूर्तियों की बातचीत का चमत्कार तो कभी मंदिर में रंग बदलती मूर्ति का रहस्य। इनसे आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है। ऐसा ही एक मंदिर कंकाली मां का है, जहां माता की मूर्ति की टेढ़ी गर्दन एक दिन के लिए सीधी हो जाती है। तो आइए जानते हैं इसका रहस्य?
रायसेन जिले के भोजपुर विधानसभा के ग्राम गुदावल में मां कंकाली की 400 वर्ष पुराना मंदिर है। यहां भक्त दूर-दूर से मां कंकाली के दर्शन करने आते हैं, कहा जाता है कि यहां पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर का निर्माण जन सहयोग के माध्यम से करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्त यहां मां के दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण कराते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की चाक-चौबंद
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है लेकिन मां कंकाली के दरबार में मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही पार्किंग के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाती है। तो मां कंकाली के दरबार में भक्तों के लिए रुकने के लिए आश्रय स्थल भी तैयार किया जाता है। वही जिन भक्तों का व्रत होता है उनके लिए फलाहार की व्यवस्था की जाती है साथ ही अन्य लोगों के लिए भोजन का प्रबंध भी मंदिर समिति की तरफ से किया जाता है।
यहां भक्त अपनी हर मनोकामना पूर्ण होने के बाद फिर मां कंकाली के दर्शन करने पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार चढ़ावा चलाते हैं। बतादें कि मां कंकाली का मंदिर भोपाल से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर है तो वहीं रायसेन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर उमरावगंज थाने के अंतर्गत आता है। मां कंकाली के इतिहास के बारे में जानकार कहते हैं कि लगभग 400 साल पहले हरलाल पटेल को सपने में मां कंकाली ने दर्शन दिए थे और कहा था कि जमीन में खुदाई करने के दौरान मुझे बाहर निकालो और स्थापना करो तब से लेकर आज तक मां कंकाली का मंदिर विशाल आकार लेता ही जा रहा है और भक्तों की आस्था का केंद्र बढ़ता ही जा रहा हैं।
MP Weather Update: मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी, इन जिलों में हल्की बारिश के आसार…
रायसेन के इस गांव में है माता का मंदिर
कंकाली माता मंदिर रायसेन जिले के गुदावल गांव में हैं। दावा किया जाता है कि यहां मां कंकाली की देश की पहली ऐसी मूर्ति है जिसकी गर्दन 45 डिग्री झुकी हुई है। मंदिर की स्थापना तकरीबन 1731 के आस-पास मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी वर्ष खुदाई के दौरान यह मंदिर मिला था। हालांकि मंदिर कब अस्तित्व में आया इसकी तारीख या वर्ष का कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता है। भक्त को माता ने स्वप्न दिया था।
मंदिर के बारे में आया था सपना
कंकाली मंदिर की स्थापना को लेकर यह भी सुनने में आता है कि 1731 स्थानीय निवासी हर लाल मीणा को इस मंदिर के बारे में एक सपना आया था। इसके बाद उनके देखे गए सपने के आधार पर उक्त जमीन पर खुदाई करवाई तो देवी मां की मूर्ति मिली थी। इसके बाद प्राप्त मूर्ति के स्थान पर ही देवी मां की मूर्ति स्थापित करवा दी गई। तब से ही मंदिर के विस्तार और पूजा-अर्चना का क्रम जारी है। बता दें कि मंदिर परिसर के अंदरूनी हिस्से में 10 हजार वगफीट के हॉल में एक भी पिलर नहीं है। जो कि अपने आप में ही अद्भुत कला का नमूना है। पहले भैसे की बलि दी जाती थी जिसे 1970 से बंद करा दिया हैं।
बंधन बांधकर मांगते है मनोकामना
भक्तों की मनोकामना को लेकर यह भी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां बंधन बांधकर मनोकामना मांगता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। देश के कोने-कोने से भक्त यहां अपनी मुरादों की झोली भरने आते हैं। मन्नत पूरी होने के बाद बांधा गया बंधन खोल जाते हैं। कहते हैं कि नि:संतान दंपत्तियों की यहां गोद भर जाती है। लेकिन इसके लिए महिलाएं यहां उल्टे हाथ से गोबर लगाती हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद सीधे हाथ का निशान बनाती हैं। मंदिर में हजारों की संख्या में हाथों के उल्टे और सीधे निशान नजर आते हैं। बही बच्चों का मुंडन भी करते है और नाच गाकर खुशी मनाते हैं।
बड़ी खबर: बुधनी की ट्राइडेंट कंपनी पर IT ने मारा छापा, भारी संख्या में फोर्स तैनात, जांच जारी…
कब सीधी होती हुई कंकाली देवी टेढ़ी गर्दन
कंकाली देवी मंदिर में स्थापित मां कंकाली की टेढ़ी गर्दन दशहरे के दिन सीधी हो जाती है। हालांकि आज तक किसी ने ऐसा होता देखा नहीं है। कहते हैं कि जो भी भक्त मां की सीधी गर्दन देख लेता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि सौभाग्यशाली भक्तों को ही मां की सीधी गर्दन के दर्शन होते हैं। नवरात्र के अवसर पर मां भवानी के दर्शनों के लिए यहां पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक