मुख्यमंत्री भगवंत मान आज जन्मदिन मौके पर अपने पैतृक गांव संतोज पहुंचे। जहां उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आर्शीवाद प्राप्त किया। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी छोड़कर संगठ में बैठे और संगत से बातचीत की।
इस दौरान संगत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कोई मुख्यमंत्री बन कर नहीं बल्कि आपका बेटा और छोटा भाई बनकर आया हूं। कहा जाता है कि इंसान जितने मर्जी बड़े पद पर पहुंचा जएं उसे अपनी जड़ें नहीं भूलनी चाहिए। जो पेड़ अपनी जड़ों से जुड़े रहते है, उन्हें तूफान भी हिला नहीं सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत कम लोग होते है, जिनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि एक हो, नई तो लोग जन्म कहीं और लेते है और कारोबार कही और होता है पर मेरी जन्मभूमि भी यही (पंजाब) कर्मभूमि भी यही है। परमात्मा द्वारा बख्शी जिम्मेवारी निभा रहा हूं, जो लोग जड़ छोड़ देते है वह तबाह हो जाते है। परमात्मा भी उनका साथ देता है, जो उसकी दात को शुक्राने के रूप में लेते है।
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