पुष्पलेश द्विवेदी.सिंगरौली। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही बगावत और इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने सिंगरौली विधानसभा से रेनू शाह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। रेनू शाह का नाम आने के बाद पार्टी के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रदेश पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष रामशिरोमणि शाहवाल ने टिकट कटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पार्टी के फैसले के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नाम पर दोबारा विचार करने के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रामशिरोमणि शहवाल ने कांग्रेस के फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी ने सिंगरौली के लोग जिसे चाहते है पार्टियां उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बना पाती है। उन्होंने रेनू शाह का नाम लिए बिना कहा कि जिनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता नहीं है ऐसे लोगो को भी विधायक बनने का मौका मिल जाता है, जो पांच साल सिर्फ अपना काम करते है और पब्लिक का काम नहीं करते है। रामशिरोमणि शहवाल ने कहा कि कांग्रेस की हारे हुए प्रत्याशी को चुनाव मैदान में लड़ाने की थी मंशा, इसलिए पार्टी ने मेरा नाम काटा है।
रामशिरोमणि शाहवाल बताया कि मेरे कार्यकर्ता काफी आहत है। पार्टी ने जिनको प्रत्याशी बनाया गया है उनके घर में मक्खियां घूम रही है। मैं पार्टी को 7 दिन का मौका दे रहा हूं और अपने समर्थकों से जवाब पाने के लिए 7 दिन का समय चाहता हूं। अगर मेरे समर्थक कहेंगे तो मै जरूर चुनाव लडूंगा, चाहे वह किसी अन्य दल से हो या निर्दलीय हो।
गौरतलब है कि जिस तरीके से कांग्रेस ने अपने पत्ते खोले और जिस तरीके से कांग्रेसियों के आपस में ही बगावती सुर बोलने लगे हैं, इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को सिंगरौली से बड़ा झटका भी मिल सकता है। हालांकि अब यह तो पूरी बात उस समय साफ होगी जब आगे रिजल्ट निकल कर सामने आएंगा।
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