नई दिल्ली . दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में आने वाली 1500 बसों में से 579 बसों का इंतजार लंबा हो सकता है, क्योंकि वित्त विभाग ने इन बसों पर दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर आपत्ति जताई है.

दरअसल, परिवहन विभाग ने वित्त विभाग से 579 बसों पर सब्सिडी देने के लिए 285 करोड़ रुपये की मंजूरी मांगी थी. इस पर आपत्ति जताते हुए वित्त विभाग ने परिवहन विभाग से इसके लिए स्कीम बनाने की बात कही है. हालांकि, सरकार का कहना है कि सब्सिडी को लेकर कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है.

दरअसल, सरकार को डीटीसी के लिए 1500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदनी थी, इनमें से से 400 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जा चुकी है. बाकी बची 1100 बसों को इस वर्ष के अंत तक चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा. इन 1500 बसों में से 921 बसों पर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को सब्सिडी दी थी. केंद्र ने कुल 417 करोड़ की रुपये की सब्सिडी दी थी. बाकी बची हुई 579 बसों पर दिल्ली सरकार को सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. केजरीवाल सरकार की कैबिनेट से इसे मंजूरी भी मिल चुकी है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो परिवहन विभाग ने 579 बसों की सब्सिडी के लिए वित्त विभाग से 285 करोड़ मांगे थे. वित्त विभाग ने सब्सिडी को लेकर आपत्ति जताई है.

सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी चलाने का विरोध

बाइक टैक्सी चालकों ने दिल्ली मोटर वाहन और वितरण सेवा प्रदाता योजना 2023 में सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी चलाने के प्रावधान का विरोध जताया है. करीब 1500 टैक्सी चालकों ने एलजी, मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और सांसद गौतम गंभीर को पत्र लिखकर इस नीतिगत फैसले में बदलाव करने की मांग की है. चालकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक बाइक लेने से उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

आय खत्म हो जाएगी

चालकों ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली मोटर वाहन और वितरण सेवा प्रदाता योजना-2023 में कहा गया है कि केवल इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को दिल्ली में चलाने की अनुमति होगी. इससे हमारी आय का एकमात्र स्त्रत्तेत खत्म हो जाएगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा.