रूपेश गुप्ता, रायपुर। बीजेपी अब सिद्धांत, आदर्श, मर्यादा वाली पार्टी नहीं रह गई है. जिस अटल को भाजपा के नेताओं ने जीते-जीते मार दिया था, उस अटल की मौत को अब भाजपाई भूनाने में लग गए हैं यह मेरे लिए बहुत ही पीड़ादायक है. मैं भाजपा की इस खोखली राजनीति से बहुत आहत हूँ. मुझें सरकार की इस दिखावे पन पर शर्म आ रही है.  ये कहना है अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का. करुणा शुक्ला भाजपा से विधायक और सांसद रह चुकी हैं. लेकिन अब वह कांग्रेस पार्टी में हैं.

करुणा शुक्ला ने कहा कि, 2004 में जब वाजपेयी जी की सरकार नहीं बनी और वे जब सिर्फ सांसद रह गए तो उसके बाद क्या हुआ धीरे-धीरे सब उन्हें भूल गए. भाजपा फिर अटलमय से मोदीमय हो गई. यहां तक की आडवानी को भी पार्टी में उपेक्षित कर दिया. छत्तीसगढ़ में 15 साल रमन सरकार है. इन सालों में अटल जी को लेकर कितनी घोषणा उनके जीवित रहते हुई है. जिस अटल चौराहे का निर्माण गांव-गांव में हुआ वह भाजपा में बुजुर्गों की उपेक्षित हो गए थे. लेकिन अब मौत के बाद उसे संवारने का होने वाला है.  वाजपेयी जी के कार्यकर्ता रमन सिंह को अभी तक सिर्फ मोदी की याद आ रही थी, अब चुनाव के चलते अटल जी की याद आने लगी है.

मैं भाजपा कभी नहीं छोड़ती, लेकिन जब पार्टी ही अपने उद्देश्यों से भटक गई, बड़े-बुजुर्गों को जब अपमानित किया जाने लगा. आदर्श, सिद्धांत और मर्यादा जब बीजेपी में बची ही नहीं तो उसे छोड़ना ही बेहतर था. सरकार ने जनहित के मुद्दों को छोड़कर अब अटल जी की मौत को वोट के तौर पर इस्तेमाल करने में जुट गई है. लेकिन जनता क्या जलकी जमीन घोटाला, भदौरा जमीन घोटाला, 5 साल बोनस, नसबंदीकांड, गर्भाशयकांड, आंखफोड़वाकांड, झीरमकांड भूल जाएगी? नहीं भूलेगी जनता को सब याद है और वह चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी.

करुणा शुक्ला से खास-बातचीत
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