प्रयागराज. बुजुर्ग माता-पिता की देखरेख को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा है कि हमारा देश महान श्रवण कुमार की भूमि है जहां बच्चों से अपने बुजुर्ग माता-पिता की उचित देखभाल करने की अपेक्षा की जाती है.

बेटों द्वारा देखभाल नहीं करने से व्यथित बूढ़े पिता की याचिका पर यह टिप्पणी करते हुए जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने यह भी कहा कि वृद्ध माता-पिता की देखभाल बच्चों का न केवल नैतिक कर्तव्य बल्कि कानूनी बाध्यता भी है.

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एक 85 वर्षीय पिता ने बेटों के देखभाल नहीं करने और संपत्ति से बेदखल करने के खिलाफ याचिका दायर कर यह भी कहा कि एसडीएम को दी शिकायत पर कुछ नहीं हुआ. हाईकोर्ट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण कानून का हवाला देते हुए एसडीएम को छह सप्ताह के भीतर मामले में सख्ती से निर्णय करने का निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया.

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